बाराबंकी: डिस्पोजल पिट में एक्सपायर दवाएं देख भड़के डीएम, कार्रवाई के निर्देश 

बाराबंकी: डिस्पोजल पिट में एक्सपायर दवाएं देख भड़के डीएम, कार्रवाई के निर्देश 

सतरिख/बाराबंकी, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाटा बरौली का जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने सोमवार को औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि कूड़ा डिस्पोजल पिट में 2012 में एक्सपायर हुई दवाएं फेंकी गई हैं। जानकारी कराई तो पता चला कि निरीक्षण की सूचना मिलने पर दवाओं को डिस्पोजल पिट में फेंक दिया गया था। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए डीएम ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। 

डीएम ने देखा कि अस्पताल में संस्थागत प्रसव की संख्या बेहद कम है। उन्होंने अधीक्षक को इसमें सुधार के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में कई जगह गंदगी मिली। बाउंड्री पर उपले रखे मिलने पर डीएम ने नाराजगी जताई। निरीक्षण में और भी कई खामियां सामने आईं। मरीजों के पर्चों पर डॉक्टर की मुहर और हस्ताक्षर नहीं थे। पैथोलॉजी कक्ष में जनरेटर और बिजली का कनेक्शन नहीं था। डीएम ने इन सभी कमियों को दूर करने के आदेश दिए। सोमवार को अस्पताल में 118 मरीजों की ओपीडी हुई। 

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डीएम ने औषधि भंडार का भी निरीक्षण किया और सभी जरूरी दवाएं रखने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में 102 और 108 नंबर की दो एंबुलेंस बिना काम के खड़ी मिलीं। डीएम ने इन्हें तुरंत हटाने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने कुष्ठ रोगियों के इलाज की जानकारी ली और डेंटल कक्ष का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाई गई अनियमितताओं पर जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस सुश्री काव्या सी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवधेश कुमार यादव, सीएचसी अधीक्षक कुलदीप मौर्या सहित संबंधित अधिकारी व चिकित्सक स्टाफ उपस्थित रहे।  
  
अनुपस्थिति चिकित्सक पर कार्रवाई के निर्देश  
निरीक्षण के दौरान डीएम ने चिकित्सकों की उपस्थिति का रजिस्टर देखा तो उसमें एक चिकित्सक डॉ. सचिन जो लगातार कई दिनों से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिले। जिस पर अधीक्षक भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिलाधिकारी ने अनुपस्थित चिकित्सक पर कार्रवाई के निर्देश दिए।  

अधीक्षक को हटाने की मांग  
सतरिख, बाराबंकी। सीएचसी का निरीक्षण करके जब डीएम निकलने लगे तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने डीएम को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि सीएचसी अधीक्षक डॉ. कुलदीप मौर्या तानाशाही करते हैं और आए दिन अस्पताल से अनुपस्थित रहते हैं। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। सीएचसी परिसर में लगे सागवान के पेड़ों को वन विभाग से बिना मूल्यांकन कराए कटवाकर बेचने का आरोप भी ग्रामीणों ने लगाया। ग्रामीणों के आरोपों पर डीएम ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस दौरान पूर्व प्रधान माधुरी देवी, उमाकांत, मुकेश यादव, वीर सिंह, संजय कुमार व शिवप्रकाश समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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