बरेली के निवेशकों को लगा झटका, शेयर बाजार में सवा सौ करोड़ डूबे

बरेली, अमृत विचार। शेयर मार्केट में शुक्रवार को भारी गिरावट से बरेली के निवेशकों के भी सौ से सवा सौ करोड़ रुपये तक गंवा देने का अनुमान है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे और मझोले निवेशकों को सबसे तगड़ा झटका लगा है।
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों की गिरावट से उनकी 35 से 40 प्रतिशत तक रकम डूब गई है। यह भी अनुमान जताया जा रहा है कि शेयर बाजार कुछ और समय जोखिम भरा रह सकता है और दोबारा स्थिरता हासिल करने में उसे कई महीने लग सकते हैं।
कई महीनों से शेयर बाजार में लगातार गिरावट से ब्रोकरों के भी होश उड़े हुए हैं। ब्रोकरों के मुताबिक जिले में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या करीब दो लाख तक है जिनका निवेश सामान्य तौर पर दो सौ से ढाई सौ करोड़ तक रहता है।
इसके अलावा सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में भी जिले में एक हजार करोड़ रुपये तक का निवेश होने का अनुमान है। सुबह बाजार खुलते ही गिरावट शुरू होने से इन सभी निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचनी शुरू हो गईं। सेंसेक्स 1400 अंकों की गिरावट के साथ बंद होने तक इन निवेशकों के सौ से सवा सौ करोड़ रुपये तक डूब गए।
विशेषज्ञों के मुताबिक उन निवेशकों को ज्यादा नुकसान हुआ है जिन्होंने मिड कैप और स्माल कैप में निवेश किया था। इन शेयरों में बड़े पैमाने पर गिरावट हुई है। इनमें ज्यादातर ने छोटे निवेश से शुरुआत की थी और लाभ अर्जित करने की स्थिति में पहुंचे ही थे कि बाजार की गिरावट ने उनके पोर्टफोलियो को तहस-नहस कर दिया। निफ्टी में तीन हजार अंक लुढ़की है। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों की गिरावट से निवेशकों की 35 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
चर्चा है शेयर मार्केट में...
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय शेयर मार्केट में यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और घरेलू बाजार में निवेशकों के डर के कारण हुई है।
बरेली के निवेशक जो पहले शेयर बाजार को एक लाभकारी माध्यम मानते थे, अब बैकफुट पर हैं और अपनी पूंजी की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हो गए हैं।
छोटे-मझोले निवेशकों के लिए यह समय मुश्किल भरा है। वे बाजार के जोखिम को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं और दोबारा निवेश करने में हिचकिचा रहे हैं।
निवेशकों के लिए इस तरह के उतार-चढ़ाव परेशान करने हैं, लेकिन बाजार की जानकारी रखने वालों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बाजार में सुधार होगा।
तीन महीने तक जारी रह सकती है अस्थिरता
शेयर बाजार के विशेषज्ञ अमित रंजन कहते हैं कि शेयर मार्केट कई तरह से प्रभावित होता है। कुछ दिन पहले दिल्ली चुनाव और बजट का असर था। अब सोने के दाम बढ़ने से भी बाजार में गिरावट हो रही है। सोना और शेयर एक-दूसरे से संबंधित हैं। जब सोने का दाम बढ़ता है तो शेयर मार्केट गिरता है।
अगर शेयर के दाम बढ़ते हैं तो सोने के दाम में गिरावट होती है। उन्होंने बताया कि अगले तीन महीने तक मार्केट में ऐसी ही उथल-पुथल जारी रह सकती है। पिछले साल विदेशी निवेशकों के बड़े पैमाने पर पैसे की निकासी करने से हालात बिगड़े थे, अब फिर विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं। इससे भारतीय निवेशकों ने भी नुकसान के डर से शेयर बेचने शुरू कर दिए हैं।
नुकसान की भरपाई के लिए रखना होगा धैर्य
शेयर बाजार के विशेषज्ञ एवं कार्वी के पूर्व एजीएम बीएन द्विवेदी कहते हैं कि शेयर बाजार की गिरावट को निवेशकों को आपदा में अवसर के तौर पर लिया जाना चाहिए। यह स्मॉल कैप्स जैसे एक लाख या छोटे निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बेहद धैर्य का समय है। क्योंकि गिरावट के बाद एक लाख रुपये के शेयर की कीमत 55 या 65 हजार ही रह गई है।
इससे पहले कोरोना के दौर में भी 12 हजार का शेयर सात हजार तक गिर गया था लेकिन उस समय जिन निवेशकों ने धैर्य रखा, उनके नुकसान की भरपाई हो गई। इस बार फिर तीन-चार महीने बाद बाजार स्थिर होगा।
एकमुश्त और एसआईपी में निवेश ज्यादा सुरक्षित
विशेषज्ञों के अनुसार शेयर बाजार में शुरुआत करने वाले निवेशकों के लिए एकमुश्त और एसआईपी ज्यादा लाभदायक हो सकती है। थोड़ा जोखिम उठाकर निवेशक को 12 प्रतिशत या उससे ज्यादा लाभ मिल सकता है। एसआईपी निश्चित रूप से रिटर्न देने वाले प्लान है। इसमें लंबे समय के लिए निवेश ज्यादा लाभदायक हो सकता है।
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