शाहजहांपुर: दो साल में 19 मौतें, फिर भी शहर से देहात तक फल-फूल रहे झोलाछाप
जिले में 500 से भी ज्यादा झोलाछाप होने की आशंका, सबसे ज्यादा झोलाछाप कांट क्षेत्र में ट्रेस हुए

शाहजहांपुर, अमृत विचार। स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से जिले में झोलाछापों का साम्राज्य खूब फल फूल रहा है। नियम कानून तार-तार कर झोलाछाप बिना किसी डिग्री व पंजीकरण प्रशिक्षित चिकित्सक की तरह इलाज कर रहे हैं। झोलाछापों को अपनी जेबें भरने से मतलब है, इलाज से कोई जिए या मरे उन्हें कोई मतलब नहीं। बीते दो साल के दौरान लगभग 19 लोगों की झोलाछाप के इलाज से जान चली गई। कुछ में झोलाछाप के गलत इलाज से जान जाने के आरोप लगे तो कुछ में दवा के रिएक्शन से मौत होने की बात सामने आई।
कुछ में शिकायतें हुईं और मुकदमे भी दर्ज किए गए। इसके बाद भी झोलाछाप के साम्राज्य में कमी नहीं आई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर झोलाछाप पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग और कितनी मौतों का इंतजार कर रहा है। महानगर से सटे कांट क्षेत्र में सबसे ज्यादा झोलाछाप ट्रेस हुए हैं। पूर्व सीएमओ डॉ. आरके गौतम कांट सीएचसी प्रभारी डॉ. गौरव सक्सेना को झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दे चुके हैं, इसके बाद भी कार्रवाई शून्य है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप के खिलाफ क्या कार्रवाई होती होगी। जब नाक के नीचे सबसे ज्यादा झोलाछाप ट्रेस हो गए और कार्रवाई शून्य है। प्रभारी सीएमओ डॉ. अंसार अली ने बताया कि झोलाछाप के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कई जगह छापे मारे गए हैं और अस्पताल सील भी किए गए हैं। झोलाछाप को लोगों की जिंदगी से खेलने नहीं दिया जाएगा।
डेंगू मलेरिया में काटते हैं झोलाछाप चांदी
देहात के साथ-साथ शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में झोलाछाप की दुकान हर मौसम में खूब फल फूल रही है। डेंगू, मलेरिया का कहर उनके लिए मुफीद धंधा बना जाता है। हैरत यह कि इन झोलाछापों की दुकान जिम्मेदारों की आंख व नाक के नीचे होने के बाद भी इन पर कार्रवाई के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते। कांट क्षेत्र में झोलाछाप की बाढ़ सी आई हुई है। सीएचसी प्रभारी तक शिकायतें भी पहुंच रही हैं। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बंडा के अलावा पुवायां, खुटार से लेकर पूरे जिले के ब्लॉक क्षेत्रों में झोलाछाप की भरमार है। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
रद्दी की टोकरी में जाते हैं शासनादेश
ऐसा नहीं है कि सरकार या उच्च अधिकारी आदेश नहीं देते। समय-समय पर झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के आदेश आते रहते हैं, लेकिन सब रद्दी की टोकरी में चले जाते हैं। एक के बाद एक आदेश आता है और चला जाता है, लेकिन झोलाछाप की अंदर तक पहुंच चुकी गहरी जड़ों को हिला तक नहीं पाता है। ऐसा जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रुचि न लेने के चलते होता है। जिले के अधिकारी रुचि क्यों नहीं लेते, अब किसी से छिपा नहीं है। झोलाछाप पर कार्रवाई सिर्फ किसी की मौत होने पर होती है। इसके अलावा कोई कार्रवाई नहीं होती। कई बार शिकायतों पर कार्रवाई हो जाती है, लेकिन कई बार तो शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाती है। मुकदमा दर्ज होने के बाद झोलाछाप जोड़तोड़ से बच निकलते हैं। कुछ मामलों में तो शिकायतकर्ता से ही झोलाछाप फैसला कर लेते हैं और कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं। इसके बाद दोबारा से पुराना खेल खेलना शुरू कर देते हैं।
झोलाछाप पर इनकी जान लेने का लगा आरोप
- -30 नवंबर 2024 को निजामपुर गौटिया निवासी विपिन कुमार के सात माह के बेटे पप्पू की झोलाछाप ने इंजेक्शन लगाने के बाद मौत हो गई।
- -03 नवंबर 2024 को मिर्जापुर थाना क्षेत्र के गांव गुटेटी उत्तर निवासी 55 वर्षीय छंगेलाल की झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने और दवा खाने के बाद मौत हो गई।
- -10 अगस्त 2024 को जैतीपुर थाना क्षेत्र के गांव शंकरपुर पिटराई निवासी निवासी हरवीर सिंह की एक साल की बेटी रोहणी झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने के बाद जान चली गई।
- -10 अगस्त 2024 को ही गढ़िया रंगीन थाना क्षेत्र के गांव भटिया निवासी ओमकार के 18 वर्षीय पुत्र राजू की मौत झोलाछाप की दवा खाने के बाद हो गई।
- -05 जून 2024 को मदनापुर के बरुआ गांव में पांच माह की बच्ची आराध्या की झोलाछाप के इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसका केस झोलाछाप के खिलाफ दर्ज किया गया।
- -31 मई 2024 को रोजा थाना क्षेत्र के गांव सरइया आवाद निवासी 48 वर्षीय भईया लाल की झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने के पांच मिनट बाद मौत हो गई।
- -13 अप्रैल 2024 कांट थाना क्षेत्र के गांव इमलिया निवासी सुरेंद्र पाल की मौत का मुकदमा स्थानीय झोलाछाप आशीष के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर दर्ज हुआ।
- -08 अप्रैल 2024 को झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने से पुवायां क्षेत्र के गांव मुड़िया कुर्मियात निवासी प्रमोद कुमार के दस वर्षीय पुत्र की मौत हो गई।
- -12 अक्टूबर 2023 को अल्हागंज थाना क्षेत्र के गांव निवऊ नगला निवासी 52 वर्षीय मिथलेश कुमार को बुखार आ रहा था। झोलाछाप के इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
- -20 सितंबर 2023 को रोशनपुर गांव के राजपाल के पांच वर्षीय पौत्र राम की झोलाछाप के इलाज के दौरान मौत हो गई।
- -25 अगस्त 2023 को झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने से मदनापुर थाना क्षेत्र के गांव प्रतापपुर गहबरा निवासी राजकुमार सिंह के 16 वर्षीय बेटे सौरभ सिंह की मौत हो गई।
- -22 अगस्त 2023 को जैतीपुर थाना क्षेत्र के गांव आलमपुर निवासी 65 वर्षीय वीर बहादुर की झोलाछाप के इलाज से मौत हो गई।
- -19 मार्च 2023 को झोलाछाप की दवाई खाकर बुखार पीड़ित कस्बा अल्हागंज के मोहल्ला मेवाती निवासी अखिलेश कुमार के 18 वर्षीय बेटे अजय कुमार की मौत हो गई।
- -15 जनवरी 2023 को झोलाछाप डाक्टर की लापरवाही से जलालाबाद थाना क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी सुधीर कुमार के सात माह बेटे सनी की मौत हो गई।