सजगता से सशक्तिकरण

सजगता से सशक्तिकरण

दुनिया में संघर्षों के कारण लैंगिक असमानता बढ़ गई है। महिलाएं भयंकर भूख की मार झेल रही हैं। भूख संघर्ष का कारण और परिणाम दोनों है।  संघर्ष प्रभावित स्थानों पर रहने वाली 614 मिलियन से अधिक महिलाओं और लड़कियों के लिए भूख एक वास्तविकता है। भेदभाव समाप्त करने के लिए अधिक महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना होगा। देश में भी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रगति के बावजूद  समाज में पितृसत्तात्मक मानसिकता जटिल रूप में व्याप्त है।

परंतु वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही महिलाएं अपनी स्वतत्रंता को महसूस कर रही हैं। साथ ही लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। महसूस किया गया कि योजनाएं स्थायी प्रभाव व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली हैं। जैसे कि  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर योजना, महिला हेल्पलाइन योजना, महिला शक्ति केंद्र, लखपति दीदी योजना, ड्रोन दीदियां । कहा जा सकता है कि राज्य में महिलाओं का विकास होने पर वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति अधिक सजग हुई हैं।   

हाल ही में एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि महिला केंद्रित योजना लागू करने वाले राज्यों की संख्या 19 हो गई है। निर्विवाद रूप से यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की वास्तविक क्षमता को पहचाना है। एक अध्ययन के मुताबिक जिन राज्यों में महिला केंद्रित योजनाएं लागू हुई हैं, वहां महिलाओं के वोट प्रतिशत में काफी वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी ओर जिन राज्यों में महिला केंद्रित योजनाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, वहां महिला वोटरों की औसत संख्या में कम इजाफा हुआ है। निर्विवाद रूप से विभिन्न चुनावों में लगातार महिला वोटरों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि किसी भी राजनीतिक दल की जीत या हार में उनकी निर्णायक भूमिका साफ नजर आती है।

शोध अध्ययन बताता है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के मुकाबले वर्ष 2024 में 1.8 करोड़ अधिक महिला वोटरों ने मतदान किया। ये आंकड़ा पिछले दिनों चुनाव आयोग ने जारी किया। यह होड़ आगामी विधानसभा चुनावों में भी नजर आ रही है। एक ओर दिल्ली में जहां आप सरकार ने महिला वोटरों के लिए महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये देने का वायदा किया, वहीं कांग्रेस ढाई हजार रुपये देने की योजना बना रही है।

इस दिशा में भाजपा भी गंभीर है। देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने जो भी प्रभावी कदम उठाएं हैं, जिसकी वजह से महिलाएं अपने लोकतांत्रिक अधिकारों प्रति सजग हुई है। उनकी सजगता से महिला सशक्तिकरण व देश उन्नति की ओर अग्रसर होगा।