रायबरेली: रुपयों के लालच में चार दोस्तों ने की थी कबाड़ व्यापारी की गला घोंटकर हत्या, जानें कैसे हुआ खुलासा

रायबरेली: रुपयों के लालच में चार दोस्तों ने की थी कबाड़ व्यापारी की गला घोंटकर हत्या, जानें कैसे हुआ खुलासा

रायबरेली, अमृत विचार। रुपयों के लालच में चार दोस्तों ने मिलकर कबाड़ व्यापारी मन्ना को लखनऊ ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी। कुछ दिन पूर्व मन्ना कानपुर से कबाड़ बेचकर घर लौटा था, जिसमें उसको तीन से चार लाख रुपये मिले थे। दोस्तों को इस बात की भनक हुई तब उन्होंने उसकी हत्या कर रुपये हड़पने की साजिश रच डाली। साजिश के तहत हत्यारोपी मन्ना को कबाड़ दिखाने के बहाने लखनऊ लेकर गए। फिर गाड़ी के अंदर मफलर से गला घोंटकर उसका काम तमाम कर दिया। जिसके बाद हत्यारोपियों ने मुंह बंद रखने के लिए मन्ना के परिजनों से फिरौती भी मांगी। हालांकि, सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर मन्ना हत्याकांड का पर्दाफाश किया। इसके बाद पुलिस ने चोरों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

पुलिस अधीक्षक डा.यशवीर सिंह के मुताबिक, जनपद के किला बाजार निवासी कबाड़ व्यापारी मन्ना की इंदिरा नगर निबंधन कार्यालय के सामने दुकान है। बीते पांच जनवरी को वह दोस्त अवधेश यादव के साथ कबाड़ का सामान खरीदने की बात कहकर घर से निकला था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। इसी रात कबाड़ व्यापारी ने पत्नी को कॉल कर  पचास हजार रुपये मंगवाए थे।

इस पर पत्नी ने आदिल को 50 हजार रुपये देकर पीजीआई भेजा, जहां पर दो अज्ञात लोगों ने पहुंचकर पैसा ले लिया और कहा कि मन्ना घर पहुंच जाएगा। एक दिन पूरा हो जाने के बाद भी मन्ना घर नहीं आया तो परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। इस पर परिजन कोतवाली नगर पहुंचे और पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए बीती छह तारीख को रात्रि में ही मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश में जुट गई।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने मन्ना के घनिष्ट मित्र अवधेश यादव, जितेंद्र रावत, शहजादे उर्फ़ बच्चा और शोएब को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने उनके पास से फिरौती में मांगे गए 47,500 रुपये बरामद किये है। प्रथम दृष्टया में अवधेश यादव मन्नाहत्याकांड का मास्टरमाइंड है। 

इंटौजा में कबाड़ व्यापारी का शव फेंक कर भागे थे हत्यारोपी
पूछताछ में अवधेस ने बताया कि वह साजिश के तहत मन्ना को लखनऊ लेकर गए थे। फिर दबाव बनाकर मन्ना से घर पर फोन कराया और फिरौती में 50 हजार रुपये मंगवाए थे।  रुपये मिलने के बाद गाड़ी के अंदर मफलस से गला कसकर मन्ना की हत्या कर दी। जिसके बाद शव को इंटौजा में फेंक कर भाग निकले थे। फिरौती की रकम मिलने के बाद हत्यारोपियों ने कबाड़ व्यापारी से यूपीआई की मदद से 23 हजार रुपये भी अपने खाते में ट्रांसफर करवाए थे।  यही गलती उन्हें भारी पड़ गई। पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट निकाला तो परत दर परत खुलने लगा। एक-एक करके सारे तथ्य सामने आ गए।

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