Alert! थर्ड पार्टी ऐप बन रहे मुसीबत, पीड़ित की फोटो एडिट कर दी वायरल करने की धमकी 

लोनिंग एप पर मिल रहा ब्लैकमेलिंग का लोन

Alert! थर्ड पार्टी ऐप बन रहे मुसीबत, पीड़ित की फोटो एडिट कर दी वायरल करने की धमकी 

अभिषेक श्रीवास्तव, लखनऊ, अमृत विचार: लोनिंग एप अब जालसाजों के लिए ब्लैकमेलिंग के हथियार बन गए हैं। साइबर जालसाज रोजाना मैसेज या लिंक के माध्यम से झटपट लोन का झांसा देकर लोगों को फंसा रहे हैं। बिना केवाईसी लोन दिलाने के नाम पर लिंक से एप डाउनलोड कराकर जालसाज बड़ी ही आसानी से मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते हैं। बस इसी के बाद शुरू हो जाता है ग्राहकों को ब्लैकमेल करने का खेल।

लोनिंग एप के जरिए साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। साइबर जालसाज पीड़ित महिला या पुरुष की एडिट कर अश्लील फोटो बना ब्लैकमेल कर लोन से कई गुना अधिक रकम वसूलते हैं। इंकार पर पहले पीड़ित और फिर उसके परिवार की अश्लील फोटो भेज वायरल करने की धमकी देते हैं। कई मामले तो साइबर सेल में ऐसे मामले सामने आए, जिसमें इन ब्लैकमेलर से आजिज आकर पीड़ित ने खुदकुशी करने का प्रयास तक किया। यही नहीं कुछ पीड़ित तनाव और बदनामी के चलते परिवार को अकेला छोड़कर घर से भाग गए। हालांकि पुलिस के प्रयास ने पीड़ितों को खोज निकाला। साइबर सेल से मदद भी मिली, लेकिन कहीं न कहीं बदनामी के कारण वे नजर तक नहीं उठा पाते हैं।

डेटा हैक करने के लिए भेजते हैं लिंक

जालसाज लोनिंग एप बनवाकर लोगों को मैसेज भेजकर फंसाते हैं। फिर लिंक भेजकर एप डाउनलोड कराते हैं। जैसे ही पीड़ित एप डाउनलोड करता है, वैसे ही मोबाइल का पूरा एक्सेस जालसाज के पास चला जाता है। इसी के बाद से जालसाज का खेल शुरू हो जाता है। छोटी पूंजी देने के बाद जालसाज कई गुना रकम वसूलते हैं। इस दौरान अगर पीड़ित ब्याज से अधिक रकम देने से इनकार करता है तो मोबाइल की गैलरी में सुरक्षित उसकी और परिवार की फोटो एडिट कर अश्लील बनाकर वायरल करते हैं।

4 साल में बंद की गई 5200 से अधिक लोन एप

साइबर ठगी के बढ़ते मामले के चलते अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के बीच प्ले स्टोर से करीब 2500 से अधिक लोन एप को हटाया गया है। सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच करीब 2200 एप ब्लैक लिस्ट की गई। अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच 379 से अधिक लोन स्कैम एप को भी बंद किया है। इसके बाद दिसंबर 2024 तक 94 लोन एप को बंद हटाया गया है।

इन बातों का रखें ध्यान

- एप की वेबसाइट चेक करें, कि एप का किन बैंकों और एनबीएफसी से टाइअप है।
- मैसेज, मेल पर आए लोन ऑफर्स के लिंक पर बिना पूरी जानकारी किए क्लिक नहीं करना चाहिए।
- एप स्टोर पर लोन देने वाली एप की रेटिंग देख लीजिए।
- बहुत अधिक प्री-पेमेंट, प्रोसेसिंग या प्री-क्लोजर फीस वाले लोन एप से बचना चाहिए।
- ब्राउजिंग हिस्ट्री और डाउनलोड फाइल्स को सिस्टम से डिलीट कर देना चाहिए।

सामने हैं ठगी के कुछ उदाहरण

-दिसंबर- लोन एप के जरिए छात्र ने जमा की 23 हजार की फीस, फिर ब्लैकमेलर ने छात्र और उसकी सहपाठी की फोटो की वॉयरल।
-सितंबर- कैसरबाग के सेल्सब्वॉय ने लिंक डाउनलोड कर लिया 34 हजार का लोन, अधिक वसूली के लिए पीड़ित परिवार की एडिट फोटो बनाकर की वॉयरल।
-अप्रैल- चिनहट में ठेकेदार ने लोन एप से लिया 17 हजार का लोन। चुकाया, फिर भी की और डिमांड। इंकार पर एआई का इस्तेमाल कर बच्चियों की फोटो की वॉयरल।

सरकार ने ऐसे कई एप पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोन एप व अन्य तरह के ठगी में जिन एप का प्रयोग किया जा रहा है। उन पर साइबर क्राइम की टीम लगातार निगरानी कर रही है। साइबर अपराधियों की धरपकड़ हो रही है। लोग सतर्क रहें और घटना होने के साथ ही साइबर क्राइम के सभी हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना जरूर दें।

- बृजेश कुमार यादव, इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना 

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