बदायूं: दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत, गांव पहुंचे शव पहुंचे तो मचा चीत्कार
रविवार रात तेज हवा से अचानक गिर गई थी दीवार, दब गए थे चारपाई पर सो रहे बच्चे
बिल्सी, अमृत विचार। हरियाणा के सोनीपत में मजदूरी करके परिवार को पाल रहे भगवान दास के जीवन की सारी खुशियां एक हादसे में खत्म हो गईं। ईट भट्टे की एक दीवार की अचानक गिर जाने से उसके मलबे में दबकर उनके तीन मासूम बच्चों समेत चार की मौत हो गई। एक ही परिवार के बच्चों की मौत की खबर से पूरे गांव में कोहराम मच गया। शव गांव पहुंचे तो चीत्कार मच कया। कछला स्थित भागीरथी घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। बड़ी संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे। हर किसी की आंखें नम थीं।
कोतवाली बिल्सी क्षेत्र के गांव बैरमई बुजुर्ग निवासी भगवान दास हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव नारनौंल में स्थित एक ईंट-भट्ठे पर परिवार समेत रहकर मजदूरी करते थे। थाना जरीफनगर के गांव जलालपुर निवासी साला मुरारी लाल भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते थे। रविवार की रात लगभग नौ बजे वह भट्ठे पर ईंटें बना रहे थे। भगवान दास की पत्नी सीमा ने अपने पुत्र सूरज (9), विवेक (6) और पुत्री नंदनी (4) और भाई मुरारी लाल की तीन महीने की बेटी निशा को वहीं दीवार के किनारे एक चारपाई पर सुला दिया था। दो अन्य बच्चे भी पास चारपाई पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक तेज हवा चली और दीवार ढह गई थी। मलबे में दबकर सभी चार मासूम गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की खबर सुनकर भट्टे पर काम कर रहे अन्य लोग भी मौके पर दौड़ पड़े और सभी ने मलबे के नीचे दबे बच्चों को बाहर निकाला। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर आ गए थे। सभी घायल बच्चों को अस्पताल भिजवाया। जहां चिकित्सक ने चारों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर दिया। भगवान दास ने अपने परिजनों को फोन करके सूचना दी। गांव में भी कोहराम मच गया। भगवान दास के परिजन बुधवार सुबह शव गांव लेकर आए। घर पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। हर तरफ रोने चीखने की आवाज आ रही थी। घर की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। दोपहर में तीनों बच्चों का कछला घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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