लखीमपुर खीरी : एनआईए और पंजाब पुलिस की चर्चा से नेपाल सीमा पर माहौल गर्म
पीलीभीत में मारे गए आतंकियों में से एक की बुआ के रहने की खबर ने बढ़ाई हलचल
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। पीलीभीत में एनकाउंटर में तीन खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसियों के साथ पुलिस भी सक्रिय है। वह सिख बाहुल्य गांवों में होने वाली हरगतिविधियों पर पैनी नजर रख रही है। बुधवार को मारे गए एक आतंकी की बुआ के रहने की खबर ने भारत-नेपाल सीमा पर सिख बाहुल्य गांवों में हलचल बढ़ा दी। एनआईए और पंजाब पुलिस के कोतवाली तिकुनियां क्षेत्र में आने की संभावनाओं के कारण नेपाल सीमा पर माहौल गर्म रहा, हालांकि अभी तक टीमें नहीं पहुंची हैं।
पंजाब के गुरदास पुर में 18 दिसंबर को बख्सीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों की 23 दिसंबर को पीलीभीत जिले के थाना पूरनपुर क्षेत्र में मुठभेड़ हुई थी। पीलीभीत पुलिस और पंजाब पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में टीमों ने तीनों आतंकियों जसनप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह और वीरेंद्र सिंह को मार गिराया था। पुलिस ने आतंकियों के पास से दो एके 47, दो विदेशी ग्लाक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे। तीनों आतंकियों के मारे जाने के बाद पीलीभीत, पंजाब पुलिस के साथ ही एनआईए भी जांच में जुटी है। जांच में इस बात की जानकारी भी सुरक्षा एजेंसियों को हुई है कि एक आतंकी की बुआ लखीमपुर खीरी जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटे गांव खैरटिया में रहती है। यह खबर सामने आने के बाद एनकाउंटर के बाद और सक्रिय हुई सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सिख बाहुल्य क्षेत्रों में अपनी नजरें और अधिक गड़ा दी हैं। आतंकी का खैरटिया क्षेत्र से क्या कनेक्शन है और उसकी बुआ कौन हैं। ऐसे कई क्लू हैं जिनकों जुटाने की कोशिश कर रही है। कोतवाली तिकुनिया पुलिस भी इस कनेक्शन को खंगालने में लगी है। उधर बुधवार को पूरे जिले में इस बात की चर्चा तेज हो गई कि आतंकी के कनेक्शन को खंगालने के लिए एनआईए की टीम और पंजाब पुलिस लखीमपुर आ रही है। इस खबर से और अधिक हलचल बढ़ गई। हालांकि देर शाम तक टीमों के लखीमपुर पहुंचने की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।
सुरक्षा एजेंसिया फोटो दिखाकर तलाश रही कनेक्शन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों की फोटो लेकर सुरक्षा एजेंसियां नेपाल सीमावर्ती गांवों में घूम रही हैं। वह आतंकियों के फोटो दिखाकर यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या मारे गए तीनों आतंकी यहां दिखे तो नहीं। किसी गांव में तो उनका आना-जाना नहीं था, लेकिन अभी तक ऐसे कोई क्लू सुरक्षा एजेंसियों के हाथ नहीं आए हैं, जिससे इस बात का पता चल सके कि वह इस क्षेत्र में आए थे।
मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है खैरटिया
कोतवाली तिकुनियां क्षेत्र का खैरटिया क्षेत्र मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है। इसक अलावा इसकी पहचान पांच साल पहले तक अवैध शराब के कुटीर उद्धोग के नाम से होती थी। यहां बनने वाली अवैध शराब को पड़ोसी जनपद बहराइच तक ले जाकर बेची जाती थी, लेकिन पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद से अब यह कुटीर उद्योग पूरी तरह से टूट चुका है। अवैध शराब के कारोबार में पुरुषों के साथ ही महिलाएं, युवतियां शामिल थीं।
तिकुनियां से पंजाब के महानगरों के लिए संचालित होती हैं निजी बसें
तिकुनियां से पंजाब के अमृतसर समेत अन्य महानगरों के लिए छह से अधिक स्लीपर बसें संचालित होती हैं, लेकिन इन बसों को पुलिस कभी भी रोककर नहीं खंगालती है। पीलीभीत एकाउंटर में मारे गए तीनों आतंकियों के मामले की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि तीनों आतंकी निजी बस से सवार होकर अत्याधुनिक असलहो के साथ पीलीभीत पहुंचे थे। पुलिस पंजाब, आसाम, दिल्ली आदि राज्यों को जाने वाली स्लीपर बसों को रोककर तलाशी नहीं लेती है। माना जाता है कि यदि पुलिस इन बसों की तलाशी लेती तो शायद तीनों आतंकी रास्ते में ही पकड़े जाते और वह पीलीभीत तक नहीं पहुंच पाते।