जयपुर अग्निकांड: गैस टैंकर में आग लगने से हुए हादसे में अब तक 14 मौतें, बस का 16 महीने पहले खत्म हो चुका था परमिट
जयपुर। जयपुर में गैस टैंकर हादसे में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हादसे में घायल हुए 30 से ज्यादा लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हादसे में घायल हुए दो और लोगों की मौत हो गई तथा इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई।
भांकरोटा इलाके में जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर शुक्रवार तड़के एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी थी, जिससे लगी आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था। इस दौरान आस पास के कई वाहन भी आग की चपेट में आ गये। मौके पर अफरातफरी मच गई और क्षेत्र में दहशत फैल गई।
शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट करने का फैसला लिया है। घायलों की स्थिति नाजुक बनी होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आग में जो बस जलकर खाक हो गई है, उसका परमिट 16 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हादसे में पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई तथा झुलसे लोगों को इलाज के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल में लाया गया जहां छह लोगों ने और दम तोड़ दिया। इसी तरह एक घायल ने जयपुरिया अस्पताल में दम तोड़ा। हादसे के गंभीर रुप से झुलसे एवं अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती करीब एक दर्जन लोग 50 प्रतिशत से अधिक झुलसे हुए हैं और वे गंभीर रुप से घायल है। हादसे के कुछ मृतकों की अभी पहचान की जा रही हैं जबकि अन्य मृतकों में राजस्थान में राजपुरा के हरलाल (34), मकराना निवासी महेन्द्र (27), उदयपुर के शाहीद और उत्तर प्रदेश में रायबरेली के शहाबुद्दीन (34) शामिल हैं ।
इनके अलावा राधेश्याम एवं अनीता मीणा भी मृतकों में शामिल हैं लेकिन अभी उनके निवास स्थान का पता नहीं चल पाया है। हादसे का पता चलते ही संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सबसे पहले एसएमएस अस्पताल पहुंचे और घायलों की कुशलक्षेम पूछी और उनके बेहतर इलाज के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने घायलों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया। उन्होंने पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों से सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली तथा अधिकारियों को त्वरित सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। इस दौरान श्री शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए हादसे को बेहद दुखद बताया और कहा कि राज्य सरकार इसकी उचित जांच करायेगी। उन्होंने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये एवं गंभीर घायलों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है।
हादसे पर जांच समिति गठित कर दी गई है और मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर घटना की जानकारी दी। श्री मोदी ने हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया और उन्होंने प्रत्येक मृतक के आश्रितों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपए की सहायता एवं घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की।
हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डा प्रेम चंद बैरवा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा हरियाणा प्रभारी डा सतीश पूनिया तथा राज्य के कई मंत्रियों एवं विधायकों सहित अन्य कई नेताओं ने हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया।
ये भी पढ़ें-मध्य प्रदेश के देवास में घर में लगी भीषण आग, पति-पत्नी और दो बच्चों की मौत