इंसाफ नहीं मिलने पर मैं यहीं बैठी रहूंगी...रोते हुए ADCP महिला अपराध के पैरों में गिरी: कानपुर के पनकी थाने में तैनात एक कॉस्टेबल पर लगाया गंभीर आरोप

कानपुर, अमृत विचार। पनकी थाने में तैनात सिपाही पर एक युवती ने दुष्कर्म कर गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंची और जमीन पर बैठ गई। इस दौरान वह जोर-जोर से रोने लगी। इस पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और फरियादियों में हड़कंप मच गया। शोरगुल सुनकर ऑफिस से बाहर आईं एडीसीपी महिला अपराध अमिता सिंह के पैरों पर गिर पड़ी।
पीड़िता बोली सिपाही ने दुष्कर्म किया, बल्कि गर्भपात भी करा दिया। अब शादी के बाद घर से भी निकाल दिया। पीड़िता ने सिपाही पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने कहा है कि मुकदमे से बचने के लिए ही शादी की थी। एडीसीपी को पीड़िता ने बताया कि पूर्व में उसकी इन्हीं हरकतों के कारण रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है।
कल्याणपुर के बारासिरोही वकील नगर में रहने वाली एक युवती ने एडीसीपी को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कौशांबी के सिराथू थानाक्षेत्र के डोलची डोरमा निवासी अभिषेक कुमार मौर्या की पनकी थाने में तैनाती है। युवती ने बताया कि वर्ष 2022 में उसकी मुलाकात सिपाही अभिषेक से हुई थी।
इसके बाद उसने उसे शादी का झांसा देकर अपने प्रेमजाल में फंसाया और फिर दुष्कर्म कर उसे गर्भवती कर दिया। फिर जबरन गर्भपात कराया और बाद में शादी से मुकर गया।
युवती ने आरोप लगाया कि उसने सिपाही के खिलाफ दुष्कर्म और फिर गर्भपात कराने की तहरीर दी, तो मुकदमे से बचने के लिए 5 अप्रैल 2023 को आर्य समाज मंदिर में शादी की और कोर्ट में रजिस्ट्रेशन भी कराया। अपने साथ तीन महीने अयोध्या में तैनाती के दौरान रखा।
इसके बाद मारपीट करके घर से भगा दिया। युवती का आरोप है कि सिपाही ने धमकाते हुए कहा कि दुष्कर्म के मुकदमे से बचने के लिए मजबूरी में शादी की है। युवती ने पुलिस कमिश्नरेट में फिर शिकायत की तो आरोपी सिपाही के खिलाफ पनकी थाने में मारपीट, गर्भपात कराने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई।
आरोप है कि उसी थाने में तैनाती के चलते सांठगांठ से गर्भपात जैसी गंभीर धाराओं में उसे राहत देकर गिरफ्तारी नहीं की गई। दहेज उत्पीड़न व मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल कर दी गई।
सितंबर में सिपाही के दूसरी शादी करने की जानकारी मिलने पर वह कौशांबी पहुंची और सिराथू थाने में तहरीर दी। पहले तो तीन दिन तक पुलिस ने उसे थाने में बैठाए रखा और फिर अभिषेक का शांति भंग की धारा में चालान कर दिया।
इसके बाद तीन महीने से पनकी थाने से डीसीपी और पुलिस कमिश्नर दफ्तर के चक्कर काट रही थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके चलते शुक्रवार को वह पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर बैठ गई।
एडीसीपी महिला अपराध अमिता सिंह उसे समझाने पहुंचीं तो हाथ जोड़ते हुए उनके पैरों में गिर पड़ी। इसके बाद एडीसीपी ने उसे अपने दफ्तर में बैठा कर बात की और सिपाही पर कार्रवाई का भरोसा दिया तब वह शांत हुई।