'बदले' को चले दांव ने बदल दी सियासतदां की 'गणित'
अंकुर शर्मा, हल्द्वानी। राज्य में निकायों के आरक्षण की अनंतिम सूचना जारी होते ही राजनैतिक घमासान भी छिड़ गया है। इस घमासान में सबसे ज्यादा चर्चाओं में नगर निगम हल्द्वानी की सीट है। जहां सिषासतदां का 'बदले' के लिए चला गया दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। इस दांव ने सियासतदां बी सिचासत ही बदल दी है।
रातों रात हुई राजनैतिक उठापटक ने दून से दिल्ली दरवार तक खलबली मचा दी है। फिलहाल राजनैतिक क्षत्रपों के बीच इस शह-मात के खेल ने निकाय चुनाव को रोचक बना दिया है। निकाय चुनाव में आरक्षण की स्थिति को लेकर सबसे ज्यादा अटकले हल्द्वानी नगर निगम सीट को लेकर लगाई जा रही थी। इस सीट के अनारक्षित होने के पूरे कयास थे हालांकि इस सीट को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया। इधर, राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि यह क्षत्रपों की अंदरूनी लड़ाई छिड़ी राजनैतिक जमीन हुई है। हल्द्वानी में एक दिग्गज की हिलाने के लिए 'खेल' किया गया। इस 'खेल' ने सभी को हिला भी दिया था।
सत्ता और विपक्ष से लेकर किसी भी दल के नाम पास ही न कोई बड़ा नाम था और न ही कोई चेहरा। माना जा रहा है कि भितरघात करने वाले दिग्गज से बदला लेने के लिए यह दांव चला गया है। इस एक दांव ने दिग्गज और उसकी पूरी सेना को चारों खाने चित भी कर दिया था। यहां तक कि संगठन के पदाधिकारी भी इस दांव को नहीं समझ पा रहे थे लेकिन सियासतदां की यह खुशी एक रात भी नहीं टिक सकी। राजैनतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि सियासतदां का खुलकर मंचों पर विरोध करने और बयान देने चाले एक दिग्गज का करीची बड़ा चेहरा दावेदारी की दौड़ में शामिल हो गया है। इस चेहरे का संगठन के प्रति समर्पण व रुतबा इतना है कि यही आरक्षण रहने पर प्रत्याशी के लिए किसी बाहरी चेहरे को 'आयतित' नहीं करना पड़ेगा। ऐसे में यदि इस चेहरे को महापौर का टिकट मिलता है तो सियासतदां का विरोधी खेमा मजबूत होगा। ऐसे में सियासतदां की जमीन तो हिली ही गई है, वहीं 'बदले' के लिए चली चाल ने राजनैतिक परिस्थितियां बदल दी हैं। अब ऐसे में सियासतदां इस उल्टे पड़े दांव को सीधा करने की जुगत में लग गए हैं। फिलहाल राजनैतिक दिग्गजों के टकराव ने हल्द्वानी चुनाव को रोमांचक बना दिया है। संभावना है कि निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व राजनैतिक शह-मत का खेल रोमांच बढ़ा सकता है।