विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरे द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति अब हर घर में पहुंच चुकी है...अरुण योगी राज
अयोध्या, अमृत विचार। अमृत विचार से हुई खास बातचीत में भगवान राम लला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति अब हर घर में पहुंच चुकी है। मूर्ति निर्माण करते समय उनका यह भाव था कि यह मूर्ति दिव्य स्वरूप में विकसित हो और भगवान राम का दर्शन लोगों को मिले।
योगीराज ने बताया कि यह उनका पांचवी पीढ़ी का काम है, इससे पहले उन्होंने केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्तियाँ भी बनाई थीं। वे कभी नहीं सोचते थे कि उन्हें रामलला की मूर्ति बनाने का अवसर मिलेगा, लेकिन यह सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ।
मूर्ति निर्माण के लिए उन्हें अंतिम क्षण में बुलाया गया था। मूर्तिकार सचिदानंद जोशी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में उन्हें जानकारी दी, और फिर उन्होंने श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इस पर चर्चा की। शुरुआत में मॉडल बनाने के लिए कहा गया, लेकिन योगीराज ने इसे नकारते हुए केवल मूर्ति के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया, और ट्रस्ट ने इसे स्वीकार किया।
योगीराज ने कहा कि मूर्ति के निर्माण में उन्हें भगवान श्रीराम के अवतार और उनके दिव्य रूप की प्रेरणा मिली। मूर्ति में राम के बाल स्वरूप और उनके राजा के पुत्र होने का तत्व भी दर्शाना था। शिल्पशास्त्र के अनुसार मूर्ति का निर्माण किया गया था और हर पहलू पर कमेटी से चर्चा की गई थी।
वे बताते हैं कि मूर्ति निर्माण से पहले रोज़ाना वैदिक मंत्रोच्चार करते थे और संकल्प के साथ काम शुरू करते थे। योगीराज ने यह भी साझा किया कि जब उन्होंने पहली बार मूर्ति बनाई थी, तो उन्हें यह डर था कि लोग इसे स्वीकार करेंगे या नहीं, लेकिन अब यह डर खत्म हो गया है और लोगों से अपार प्यार और सम्मान मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम की मूर्ति बनाने के बाद न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर से उन्हें प्यार और सम्मान मिल रहा है। यह एक ऐसी मूर्ति है, जिसके निर्माण के बाद मूर्तिकार को इतनी पहचान मिली। अंत में योगीराज ने कहा कि फिलहाल राम मंदिर में कोई अन्य मूर्ति निर्माण नहीं हो रहा है और यह अच्छा है कि अन्य मूर्तिकारों को भी अवसर मिल रहा है।
यह भी पढ़ें:-उपराष्ट्रपति ने शिक्षा के व्यावसायीकरण पर जताई चिंता, कहा- नई शिक्षा नीति देश के भविष्य की रक्षा करेगी