पेड़ के नीचे दबा रहा आदमी, प्रधानमंत्री के पत्र के बाद निकाला गया सुरक्षित, जानें क्या है पूरा मामला

पेड़ के नीचे दबा रहा आदमी, प्रधानमंत्री के पत्र के बाद निकाला गया सुरक्षित, जानें क्या है पूरा मामला

लखनऊ, अमृत विचार। एसजीपीजीआई में रविवार को एल्युमिनाई मीट का आयोजन हुआ। इस दौरान एसजीपीजीआई एल्युमिनाई एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी की अध्यक्षता एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. प्रीती ने किया। वहीं, छात्रों ने हास्य नाटक सिस्टम तले दबा आदमी की प्रस्तुति से दर्शकों को खूब हंसाया।

नाटक में दिखाया गया की रात के समय सचिवालय के नजदीक एक शायर पेड़ के नीचे घूम-घूम कर शायरी लिख रहा था, तभी तेज आंधी चली और एक बड़ा पेड़ उसके पैरों पर गिर गया। सुबह होने पर सचिवालय के सभी अधिकारियों की नजर उस पेड़ पर तो पड़ी, लेकिन किसी ने उस आदमी पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि सिस्टम पर्यावरण बचाओं अभियान के तहत काम कर रहा था। विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठकें करते रहे, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि पेड़ के नीचे दबे आदमी को बचाने की जिम्मेदारी किस विभाग की है।

सचिवालय के निदेशक ने पेड़ को बचाते हुए ये सुझाव दिया की क्यों न आदमी को दो हिस्सों में काट कर निकाल लिया जाय तथा उसे प्लास्टिक सर्जरी से बाद में जोड़ दिया जाए। इस बात पर विभिन्न अधिकारियों की सहमति तो बनी लेकिन चिकित्सकों की टीम ने कहा कि आदमी काट के निकाला जा सकता है जोड़ा भी जा सकता है लेकिन उसे बचाने की कोई गारंटी नहीं है । इसके बाद एक और सरकारी आदेश आया कि पेड़ नहीं काटा जा सकता क्यूंकि ये पेड़ अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा लगाया गया था, लेकिन तभी प्रधानमंत्री का पत्र संबंधित विभाग को प्राप्त होता है जिसमें आदेश दिया गया है कि आदमी को सुरक्षित निकाला जाए हमारे देश के लिए एक एक नागरिक की रक्षा सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

इस प्रकार आदमी बाहर आता है फिर पता चलता है की ये आदमी प्रधानमंत्री कार्यालय का सचिव था जो जांच कर रहा था की राज्य सरकार के विभिन्न विभाग कैसे काम कर रहे हैं, अंत में अपनी लापरवाही के चलते सभी विभाग जो जो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे थे उन्हें एक साथ सस्पेंड कर दिया जाता है और जनता कहती है की वाह प्रधानमंत्री तो ऐसा ही होना चाहिए।

यह नाटक कृष्ण चंदर की मूल कहानी जामुन का पेड़ पर आधारित रहा, जिसका नाट्य रूपांतरण संदीप यादव व निर्देशन प्रीती चौहान ने किया। हास्य व्यंग्य से भरपूर इस नाटक में डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. दक्षिता, डॉ. अंशिका, बिलाल, सूर्यकांत, श्रद्धा, पूजा, अंजलि, संदीप, आकांक्षा, खुशी शुक्ला, डॉ. संदीप, शशांक, सौरभ, शुभांगी, आयुषी, साईं, मोनिका, अमरेश, अरुण, सौरभ ने दर्शकों को अपने अभिनय से खूब हंसाया।

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