Bareilly: नगर निगम में सामने आया नया खेल, लाखों की लागत से बार-बार बन रहीं बनी-बनाई सड़कें
बरेली, अमृत विचार : पुरानी सड़कों के अटके रहने के पीछे नगर निगम में नया खेल सामने आया है। निर्माण विभाग के इंजीनियर लाखों की लागत से बनी-बनाई सड़कों को प्रस्तावित कार्यों की सूची में शामिल कर रहे हैं। वार्ड 23 में करीब 30 लाख की लागत से महीना भर पहले ही उन निर्माण कार्यों को भी प्रस्तावित कामों की सूची में शामिल कर लिया गया, जिनके मेयर के हाथों लोकार्पण का कार्यक्रम भी बन चुका है।
वार्ड 23 इंद्रानगर के पार्षद सतीश कातिब ने बुधवार को निर्माण विभाग के इंजीनियरों के इस फर्जीवाड़े और गोलमाल का खुलासा किया। उन्होंने मेयर उमेश गौतम और नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य से शिकायत की कि उनके वार्ड में उनके वार्ड के प्रस्तावित निर्माण कार्यों की सूची में क्रमांक 64 पर 25 लाख 18 हजार रुपये लागत की एक सड़क के निर्माण कार्य को शामिल किया गया है जो आईवीआरआई रोड मंडल विहार कॉलोनी में होना है। असल में पर यह सड़क तैयार हो चुका है। मेयर के हाथों इसके लोकार्पण का कार्यक्रम भी तैयार हो चुका है। इसके लिए शिलापट भी बनवा लिया गया है।
पार्षद ने बताया कि इसके अलावा उन्हीं के वार्ड में सड़क की मरम्मत का एक और कार्य करीब पांच लाख की लागत का है। वह भी हो चुका है लेकिन निर्माण विभाग ने उसे भी प्रस्तावित कामों की सूची में शामिल कर दिया है। पार्षद की शिकायत के बाद मेयर ने फाइलों की जांच कराई तो निर्माण विभाग के फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई। मेयर ने इंजीनियरों को दोबारा इस तरह की गड़बड़ी न करने की चेतावनी दी है।
आशंका: दूसरे वार्डों में भी हो सकता है ऐसा ही घपला
वार्ड 23 में पूरे हो चुके निर्माण कार्यों को दोबारा प्रस्तावित कार्यों की सूची में शामिल कर दिए जाने का खुलासा होने के बाद नगर निगम के निर्माण विभाग की कार्यशैली पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि इस तरह के घपले दूसरे वार्डों में भी हो सकते हैं।
भारी संख्या में नगर निगम की ओर से प्रस्तावित काम काफी समय से अटके पड़े हैं। इसके पीछे भी निर्माण विभाग के इंजीनियरों का यही खेल होने की आशंका जताई जाने लगी है।
पार्षद की ओर से शिकायत करने के बाद फाइलों को देखा गया। उनकी शिकायत सही पाई गई, इंजीनियरों ने भी अपनी गलती मान ली है। उन्हें हिदायत दी गई है कि भविष्य में इस तरह की गलती न हो- उमेश गौतम, मेयर।
यह भी पढ़ें- Bareilly: फैक्ट्रियों में स्थानीय युवाओं को 50% रोजगार देने का गूंजा मुद्दा, एक पक्ष ने बैठक का किया बहिष्कार