Bareilly: राममूर्ति स्मारक ट्रस्ट का नदी की जमीन पर कब्जा, राजस्व विभाग की जांच में हुई पुष्टि

Bareilly: राममूर्ति स्मारक ट्रस्ट का नदी की जमीन पर कब्जा, राजस्व विभाग की जांच में हुई पुष्टि

बरेली, अमृत विचार: आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायत की जांच में राममूर्ति स्मारक ट्रस्ट का अभयपुर केशाेपुर गांव में नदी की कुछ जमीन पर अनधिकृत कब्जा पाया गया है। यह शिकायत एसआरएमएस नर्सिंग कॉलेज की पूर्व प्राचार्य रिन्टू चतुर्वेदी की ओर से की गई थी। इस मामले में राजस्व संहिता की धारा 67 की कार्यवाही की गई है। मामला तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय में विचाराधीन है।

रिन्टू चतुर्वेदी की शिकायत के मुताबिक एसआरएमएस मेडिकल एंड हॉस्पिटल प्रबंधन ने नदी की जमीन के गाटा नंबर 38 पर अतिक्रमण किया है। एसडीएम सदर गोविंद मौर्य के निर्देश पर तहसीलदार सदर ने इसकी जांच के लिए राजस्व निरीक्षक और लेखपाल की टीम गठित की। इस टीम की ओर से मौके पर की गई जांच में गाटा नंबर 38 की भूमि पर राममूर्ति स्मारक ट्रस्ट का कब्जा पाया गया। राजस्व अभिलेखों में गाटा नंबर 38 की जमीन नदी के रूप में दर्ज है। तहसीलदार सदर ने 31 जुलाई को जांच रिपोर्ट एसडीएम सदर को भेज दी गई थी।

रिन्टू चतुर्वेदी की दूसरी शिकायत पर राजस्व निरीक्षक हरि प्रकाश और लेखपाल ने घंघौरा-घंघौरा गांव में गाटा संख्या 652 की स्थलीय जांच की। जांच में गाटा संख्या 652 की भूमि नवीन परती श्रेणी-5 कृषि योग्य भूमि दर्ज निकली। उक्त गाटा संख्या श्री राममूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में है, जिस पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट पिटीशन विचाराधीन है। तहसीलदार को आख्या भेजते हुए राजस्व निरीक्षक ने कहा, केस के न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

इसके बाद राजस्व टीम ने गाटा संख्या 603, 662 तालाब, गाटा संख्या 666 चकमार्ग पर अतिक्रमण होने की शिकायत की भी जांच की थी। राजस्व विभाग के अलावा आईजीआरएस पर हुई शिकायत पर रुहेलखंड नहर खंड के अधिशासी अभियंता नवीन कुमार सिंह ने सहायक अभियंता तृतीय से जांच करायी थी। नहर माइनर घंघोरी के टेल पर विभागीय टेल गूल (गाटा संख्या 642) पर अतिक्रमण से है। माइनर घंघोरी की टेल गूल सिंचाई विभाग के नहर शारदा के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। जिसमें से ट्रस्ट का करीब 105 मीटर लंबाई में अतिक्रमण पाया गया। इसे अधिशासी अभियंता ने कब्जा मुक्त कराने के साथ विभागीय साइन बोर्ड लगाने की कार्यवाही करते हुए आईजीआरएस पर निस्तारण आख्या अपलोड की थी।

हाल ही में 7 दिसंबर को जिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से एक और शिकायत भेजी गई है जिसमें रिन्टू चतुर्वेदी ने नहर की भूमि गाटा संख्या 640 पर कब्जा कर इंजीनियरिंग कॉलेज में दबाने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है। शिकायत कलेक्ट्रेट से जांच के लिए एसडीएम सदर को भेजी गई है।

मैं अभी लखनऊ में हूं, शिकायत की जानकारी नहीं है। रिन्टू चतुर्वेदी को गबन के मामले में संस्थान से निकाल दिया था, इसलिए बेमतलब की शिकायतें कर रही हैं। उन्होंने भूमि पर कब्जे की जो शिकायतें की थीं, उन पर राजस्व विभाग की जांच में कोई मामला नहीं निकला। सभी आरोप गलत साबित हुए- देव मूर्ति, चेयरमैन एसआरएमएस।

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