Mahakumbh 2025: AI टेक्नोलॉजी से होगी कुंभ मेले की निगरानी, 25 सेक्टरों में बसेगा फ्री और ग्रीन महाकुंभ, जानें क्या कुछ है खास 

Mahakumbh 2025: AI टेक्नोलॉजी से होगी कुंभ मेले की निगरानी, 25 सेक्टरों में बसेगा फ्री और ग्रीन महाकुंभ, जानें क्या कुछ है खास 

प्रयागराज, अमृत विचार: संगम की धरती पर जनवरी- 2025 में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक मेले महाकुंभ का दिव्य, भव्य आयोजन होने जा रहा है। गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर लगने वाले महाकुंभ को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महा तैयारियों में जुटी है। प्रदेश की योगी सरकार - 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ को पॉलीथीन फ्री और ग्रीन कुंभ के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जहां महाकुंभ में पॉलिथीन को प्रतिबंधित किया गया है। लगभग तीन लाख पौधे भी लगाए जा रहे हैं। इन पौधों को सरकार संरक्षित भी करेगी।

सीएम के हाथ महाकुंभ की कमान

सबसे खास बात यह है कि महाकुंभ की तैयारियों की कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है।
सीएम तैयारियों को लेकर अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। वहीं कई बार प्रयागराज आकर भी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण और अफसरों को दिशा निर्देश दे चुके हैं। महाकुंभ को लेकर योगी सरकार महा तैयारियों में जुटी है। सीएम योगी के नेतृत्व में योगी सरकार ने 2019 में दिव्य और भव्य कुंभ आयोजित किया था। 2019 की कुंभ में करीब 24 करोड़ लोग आए थे। लेकिन 2025 के महाकुंभ में सरकार करीब 40 करोड लोगों के आने का अनुमान लगा रही है। इसी लिहाज से सरकार तैयारियों में जुटी है। महाकुंभ को लेकर 60,00 करोड़ से ज्यादा की 5,00 से अधिक परियोजनाओं पर काम चल रहा है। सीएम योगी लगातार खुद इन परियोजनाओं की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। महाकुंभ की तैयारी को लेकर सीएम योगी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने नवंबर 2022 में प्रयागराज जाकर खुद महाकुंभ की तैयारियों का आगाज किया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक अपेक्स कमेटी का गठन कर दिया था।

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75 विभागीय परियोजनाओं पर चल रहा काम

प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी का अध्यक्षता में गठित अपेक्स कमेटी की अब तक 14 बैठकें हो चुकी हैं। महाकुम्भ मेले को लेकर स्थाई और मेला क्षेत्र के अस्थाई दो तरह के कार्य कराए जा रहे हैं। अपेक्स कमेटी में 5154 करोड़ की 327 परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है। इसके साथ ही 1264 करोड़ की 75 विभागीय परियोजनाओं पर काम चल रहा है। 6 अक्टूबर को प्रयागराज दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से जुड़ी सभी लगभग 480 स्थाई और अस्थाई परियोजनाओं को 31 दिसंबर 2024 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। इन योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के 15 विभाग अंतर समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।महाकुंभ की योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन तंत्र बनाया गया है। थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी कराया जा रहा है।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण  एक अत्याधुनिक लैब भी बनाई गई है। जिसमें हर स्तर पर टेस्टिंग होती है फाइनल बिल की ऑडिट होती है। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से मॉनिटरिंग हो रही है। महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए योगी सरकार ने अनुभवी अधिकारियों की टीम लगाई है। 2019 में दिव्य और भव्य कुंभ आयोजित करा चुके कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद पर एक बार फिर से योगी सरकार ने भरोसा जताया है। कुंभ मेले में ऐसे तमाम अधिकारियों को लगाया गया है,जिन्हें पहले माघ मेले और कुंभ के आयोजन में काम करने का पर्याप्त अनुभव है।

मेले मे पांच लाख वाहनों की पार्किंग व्यवस्था

 प्रदेश की योगी सरकार महाकुंभ- 2025 को 2019 में आयोजित दिव्य और भव्य कुंभ से भी बेहतर आयोजित करने की तैयारी कर रही है। महाकुंभ के बेहतर आयोजन के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा इसका क्षेत्रफल जहां बढ़ाया जा रहा है। मेले में अतिरिक्त सुविधाएं भी मुहैया कराए जाने की तैयारी है। मेले का क्षेत्रफल 32,00 हेक्टेयर से बढ़ाकर 41,00 हेक्टेयर कर दिया गया है। कुल 25 सेक्टर में मेला बसाया जाएगा। जबकि 1900 हेक्टेयर में छह पार्किंग बनाई जा रही है जिसमें 5 लाख से ज्यादा वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। महाकुंभ के लिए 15 स्नान घाटों का निर्माण किया जा रहा है। लगभग 15 किलोमीटर का गंगा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है।

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महाकुंभ को ग्रीन और स्वच्छ बनाने के लिए 1 लाख 45 हजार टॉयलेट बनाए जाएंगे। स्नान घाटों की लंबाई बढ़ाई जा रही है। स्नान घाटों को 8 किलोमीटर से बढ़कर 12 किलोमीटर किया जा रहा है। घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के लिए 488 किलोमीटर की चकर्ड प्लेटें बिछाई जाएंगी। 2019 के कुंभ में 45,000 स्ट्रीट लाइटें लगी थी। इस बार 67,000 स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। ‌

मेले में होंगी डिजिटल व्यवस्थाएं

पहली बार कुंभ मेले में सोलर लाइट का प्रयोग किया जाएगा। महाकुंभ में सर्किट हाउस की संख्या 3 से बढ़कर 5 कर दी गई है। इसके साथ ही पांटून ब्रिजेज की संख्या भी 22 से बढ़ाकर 30 की जा रही है। महाकुंभ मेले में 25,000 लोगों के लिए पब्लिक अकोमोडेशन,  मोटरबोट, चेंजिंग रूम, पूजा स्थल और फ्लोटिंग जेटी बनाई जाएगी। मेले में इस बार 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र भी बनेंगे। पहली बार यमुना नदी के वीआईपी घाट पर पक्के घाट का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट पर भी पक्का घाट बन रहा है। यातायात की समस्या को देखते हुए तेलियरगंज से संगम क्षेत्र तक 15 किलोमीटर का रिवर फ्रंट भी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही वर्ष भर के घाटों पर जल का प्रवाह बना रहे इसके लिए ड्रेजिंग भी कराई गई है। इसके साथ ही महाकुंभ से जुड़ी अन्य परियोजनाओं में सड़कों और चौराहों का चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

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शहर में 14 फ्लाई ओवर और अंडर पास भी बनाए जा रहे हैं। प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छह कारिडोर बनाए जा रहे हैं। अक्षय वट, पाताल पुरी, सरस्वती कूप, हनुमान मंदिर, श्रृंगवेरपुर धाम और भारद्वाज कॉरिडोर का भी निर्माण कराया जा रहा है। महाकुंभ की तैयारी में राज्य सरकार के 20 और केंद्र सरकार के चार विभाग तैयारियों में जुटे हुए हैं। 18 नवंबर से अखाड़ों को जमीन आवंटन का कार्य शुरू किया गया है। दिसंबर तक मेले में सभी संस्थाओं को जमीन और सुविधाओं का आवंटन कर दिया जाएगा। इस बार खास तौर पर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के जरिए जमीनों और सुविधाओं के आवंटन की तैयारी की गई है। महाकुंभ में 8 हजार से ज्यादा संस्थाएं बसाई जाएंगी।

श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आने के लिए कोई दिक्कत ना हो इसके लिए ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है। एडीजी जोन की अध्यक्षता में गठित एडवाइजरी कमेटी लगातार काम कर रही है। महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए दोना पत्तल और कुल्हड़ को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिये अलग से जोन आवंटित किए जाएंगे। सप्लाई चेन बनाई जा रही है ताकि इनकी पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। इस बार महाकुंभ में तीन जगहों अप्रैल, झूंसी और परेड में 2100 लक्जरी टेंट की टेंट सिटी बसाई जा रही है।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा मेले की निगरानी

महाकुंभ मेले की सुरक्षा को लेकर भी व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे से लेकर ड्रोन कैमरे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग किया जाएगा। महाकुंभ मेले में पहले से बनते आ रहे थानों चौकियों और फायर स्टेशनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। सुरक्षा के साथ ही साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए भी पुलिस कर्मियों को स्किल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। महाकुंभ में पुलिसिंग बिल्कुल अलग तरह की होती है। इसलिए पुलिसकर्मी महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करें और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें उन्हें इसकी नसीहत भी दी जा रही है। ‌महाकुंभ में आने वाली भीड़ को सुगमता स्नान के बाद वापस भेजने के लिए क्राउड मैनेजमेंट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि एआई तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा।

महाकुंभ में भारी संख्या में आने वाले वाहनों की पार्किंग और ट्रैफिक जाम की समस्या ना हो इसके लिए भी एआई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। महाकुंभ की सुरक्षा में कोई सेंध ना लगे इसके लिए पुलिस के साथ ही पीएसी, आर ए एफ और यूपी पुलिस की दूसरी एजेंसियां यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ को भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही किसी भी आपदा से निबटने में सक्षम एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी महाकुंभ में मुस्तैद रहेंगी। महाकुंभ में न केवल देश बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। ऐसे में महाकुंभ मेले में केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय रहेंगी। ताकि महाकुंभ का आयोजन सकुशल और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराया जा सके।

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