Etawah: पेसमेकर घोटाले में आरोपी डॉक्टर बर्खास्त, आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में लिया गया फैसला
सैफई, इटावा, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की 12वीं कार्यपरिषद की बैठक कुलपति प्रो.डॉ. प्रभात कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें पेसमेकर घोटाले में आरोपित डॉक्टर की सेवा समाप्त के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह फैसला 26 नवंबर को हुई बैठक में लिया गया था। आदेश रविवार को विश्विद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में पेसमेकर घोटाला हुआ था। जांच में पाया गया था मरीज की जान से खिलवाड़ करने का कार्य डा. समीर सर्राफ ने किया है। वे विवि के हृदय रोग विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर रहा। कार्य परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ता के विधिक परामर्श के अनुपालन में लगातार उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये आदेशों की अवहेलना करने एवं संकायाध्यक्ष, फार्मेसी संकाय को अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत न करने तथा निरन्तर सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन करने के दृष्टिगत डा. समीर सर्राफ की सेवा समाप्त की जाए।
यह कार्रवाई उप्र सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 नियम-3 में विहित प्राविधानों के अन्तर्गत की गई है। बैठक में कार्य परिषद द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि डा. समीर सर्राफ द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ करने एवं उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये आदेशों की अवहेलना करने के मामले की जानकारी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग तथा उप्र स्टेट मेडिकल फैकल्टी, लखनऊ को दी जाए और कार्रवाई से भी अवगत कराया जाए।
कुलपति प्रो.डॉ प्रभात कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 18 सदस्य मौजूद रहे। इसमें प्रतिकुलपति डॉ रमाकांत यादव एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं के प्रधानाचार्य डॉ. एनसी प्रजापति, आईएमएस बीएचयू वाराणसी के निदेशक प्रो. डॉ. एसएन संखवार, प्रो.डॉ. आदेश कुमार,कुलसचिव डॉ. चंद्रवीर सिंह सहित आदि सदस्य मौजूद रहे।