Kanpur: गंगा जल आचमन लायक नहीं; सैंपल फेल, यूपीपीसीबी के अधिकारी बोले- गंगा का पानी सिर्फ नहाने लायक...जल्द करेंगे सभी नालों का निरीक्षण

जांच में कई एरिया में तो गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं पाया गया

Kanpur: गंगा जल आचमन लायक नहीं; सैंपल फेल, यूपीपीसीबी के अधिकारी बोले- गंगा का पानी सिर्फ नहाने लायक...जल्द करेंगे सभी नालों का निरीक्षण

कानपुर, अमृत विचार। शहर में प्रवेश होने के बाद ही गंगा मैली हो जा रही है। गंगा के पानी के अप, डाउन और मध्य भाग में लिए गए नमूने एक बार फिर जांच में फेल हो गए हैं। शहर में प्रवेश करते अप स्ट्रीम पर, मध्य में गंगा बिटूर और शहर के बाहर डाउन स्ट्रीम पर गंगा का पानी सी श्रेणी में मिला है। यूपीपीसीबी के अधिकारियों के अनुसार यह पानी पीने योग्य बिलकुल नहीं है। सिर्फ नहाने के कार्य में लिया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार गंगा में से तो लगातार गिर रहे नालों की वजह पानी गंदा हो रहा है। कहीं-कहीं पानी इतना गंदा है कि वहां नहाया भी नहीं जा सकता है।

घरों का सीवेज, अनटैप्ड नाले और एसटीपी से बिना शोधन गंगा में गिरते दूषित पानी ने गंगा को आचमन लायक नहीं छोड़ा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी इसको लेकर चिंता जताई है। 12 वर्षों के बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर गंगा की शुद्धता को बनाए रखने के लिये जिलाधिकारी राकेश कुमार ने शहर की औद्योगिक इकाइयों (टेनरियों) की बंदी का रोस्टर जारी कर दिया है। इसके साथ टेनरियों और सीवेज नालों के साथ सीईटीपी और एसटीपी के निरीक्षण के लिए कमेटियों का गठन भी कर दिया है। 

13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही महाकुंभ का आयोजन शुरू हो जायेगा। इस आयोजन से पहले उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 19 नवंबर को अप-डाउन और मध्य भाग में गंगा के पानी के नमूने भरे थे। इसकी रिपोर्ट के अनुसार गंगा के पानी में पीएच वैल्यू, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), कुल निलंबित ठोस (टीएसएस) की मात्रा मानक के अनुरूप नहीं मिली है। वहीं, कोलीफॉर्म बैक्टीरिया भी गंगा नदी के पानी में जहर की तरह घुल रहा है।

ये होनी चाहिए स्थिति

पानी में मानक पीएच वैल्यू, घुलित आक्सीजन 2 से 3 पीपीएम, बीओडी 250 मिग्रा/ लीटर, सीओडी 30 मिग्रा/लीटर, सस्पेंडेड सोलिड 100 मिग्रा/ लीटर, डिजॉल्व सोलिड 500 मिग्रा/लीटर होना चाहिए।

जल्द सभी नालों का निरीक्षण किया जाएगा। गंगा नदी में नालों के गिरने से समस्या है, बायोरेमिडिएशन कार्य सही से होना जरूरी है। हम पूरी रिपोर्ट बड़े अधिकारियों को भेज रहे हैं। - ई. अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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