700 करोड़ रुपए से चमकेगा बरेली, शहर के विकास पर नगर निगम करेगा खर्च

700 करोड़ रुपए से चमकेगा बरेली, शहर के विकास पर नगर निगम करेगा खर्च
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बरेली, अमृत विचार: शहर भर में पार्कों की बदहाली पर नाराज लोगों को आने वाले समय में कुछ सुकून मिल सकता है। तय हुआ है कि गांधी उद्यान और सीआई पार्क को छोड़कर बाकी सभी 332 पार्कों के साथ डिवाइडरों पर लगे पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की ओर से एजेंसियों को दी जाएगी। बुधवार को मेयर कार्यालय में हुई पुनरीक्षित बजट की बैठक में कार्यकारिणी समिति के सामने सात सौ करोड़ के बजट के साथ इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

मेयर उमेश गौतम की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति ने कुल आय-व्यय के साथ सड़क-नाली निर्माण और जरूरत के मुताबिक स्ट्रीट लाइटें लगवाने जैसे विकास कार्यों पर लंबी चर्चा की। इसी दौरान कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्दी के मौसम के मद्देनजर वार्डों में दो-दो सौ कंबल और अलाव जलाने के लिए 20-20 क्विंटल लकड़ी उपलब्ध कराने की मांग की। सलीम पटवारी और नीरज कुमार ने बताया कि नगर निगम की ओर से अब तक कंबल और लकड़ी की खरीदारी तक नहीं की गई है। इस पर मेयर ने चेतावनी दी कि कंबल और अलाव के लकड़ी दोनों का समय से इंतजाम कर लिया जाए।

सर्दी बढ़ने के बावजूद शहर भर में रैन बसेरों के बदहाल पड़े होने का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया गया। कार्यकारिणी के सदस्यों ने कहा कि ज्यादातर रैन बसेरों में अब तक कोई काम नहीं कराया गया है और वे रहने लायक तक नहीं है। मेयर ने इस पर भी सख्त नाराजगी जताई। अधिकारियों से कहा कि व्यवस्था को तत्काल ठीक किया जाए। बैठक में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव, उपसभापति सर्वेश रस्तोगी समेत कार्यकारिणी के बाकी सदस्य मौजूद रहे।

परसाखेड़ा में विकसित होगा जंगल
बरेली: उपवन योजना के तहत नगर निगम मियावाकी तकनीक से 2.50 करोड़ की लागत से जंगल विकसित करेगा। बताया गया कि इसके लिए नगर निगम की भूमि का चयन कर लिया गया है। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर तक प्रतिबंधित पॉलिथीन इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगाकर 20 लाख रुपये की वसूली की गई है। अभियान जारी रखकर जुर्माने की रकम बढ़ाई जाएगी।

कूड़ा कलेक्शन से बढ़ी आय
बताया गया कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से नगर निगम को वर्ष 2023-24 में 2.84 करोड़ की आय हुई है। इसे देखते हुए 2024-25 में आठ करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। बताया गया कि इसके सापेक्ष सितंबर तक 1.29 करोड़ की आय हो चुकी है। पिछले साल एजेंसियों पर चार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जिसे इस साल घटाकर तीन करोड़ रुपये किया गया है।

हाउस टैक्स शिविरों पर पार्षदों ने मांगा जवाब
बरेली: कार्यकारिणी सदस्य सलीम पटवारी और नीरज कुमार ने टैक्स विभाग की ओर से शिविरों की जानकारी न दिए जाने का मुद्दा उठाया। मेयर ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र को निर्देश दिया कि जिन वार्डों में शिविर लगाए जाएं, वहां दो दिन पहले मुनादी कराकर इसकी जानकारी दी जाए। कहा, बड़े बकायादारों की संपत्तियों की कुर्की से पहले बकाया की अदायगी कराने पर जोर दिया जाए। भवनस्वामियों से सहयोग करने की अपील की जाए।

किस काम के लिए कितना बजट
सड़क-नाली निर्माण पर 62.50 करोड़, नए मार्गों के निर्माण पर 25 करोड़, पार्कों के सौंदर्यीकरण पर दो करोड़, भवनों की मरम्मत पर तीन करोड़, डलावघर से कूड़ा उठान पर 12 करोड़, वार्ड में ठेके पर सफाई पर 16 करोड़, कान्हा उपवन पर तीन करोड़, मलिन बस्तियों पर 12.50 करोड़, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर 12 करोड़।

नगर निगम के आय के स्रोत
हाउस टैक्स से सौ करोड़, जलकर से 38 करोड़, दुकानों के किराए से तीन करोड़, विज्ञापन शुल्क से 5.50 करोड़, सीवर टैक्स से 15 करोड़, अंत्येष्टि स्थलों के विकास से दो करोड़, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से 40 करोड़, राज्य वित्त आयोग से 190 करोड़, वधशाला से चार करोड़, 15वें वित्त टाइड फंड से 54 करोड़, 15वें वित्त के अनटाइड फंड से 47 करोड़, नगरीय सौर पुंज योजना से 1.5 करोड़, कान्हा पशु आश्रय योजना से तीन करोड़, स्वच्छ भारत मिशन से पांच करोड़, अमृत योजना से दो करोड़, कान्हा गोशाला एवं बेसहारा योजना से दो करोड़, सीएम ग्रिड से दो करोड़ और अवस्थापना मद में पांच करोड़।

बजट की रूप रेखा
प्रारंभिक अवशेष : 1.51 अरब
प्राप्तियां : 5.45 अरब
योग : 6.97 अरब
कुल बजट : 700 करोड़
खर्च : 6.76 अरब
अंतिम अवशेष : 20.60 करोड़

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