शाहजहांपुर: डीएनए रिपोर्ट से खुला राज, छात्रा काजल का था खेत में मिला कंकाल
निगोही के हरसोली गांव में पांच मार्च को मिला था युवती का कंकाल
निगोही/शाहजहांपुर, अमृत विचार। निगोही के हरसोली गांव में पांच मार्च को मिले युवती के कंकाल का राज खुल गया है। डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि कंकाल इंटर की छात्रा काजल का ही था। अब पुलिस उसकी मौत का कारण और हत्या के एंगल पर जांच कर रही है। अगर युवती की हत्या की गई थी तो किसने की और वजह क्या है यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। हालांकि इस केस में पुलिस की रफ्तार बहुत धीमी है। एक साल के लंबे समय में पुलिस सिर्फ यह पुष्ट कर पाई है कि शव छात्रा काजल का ही था। ऐसे में मौत का राज कब खुलेगा यह कह पाना मुश्किल है। एसपी सिटी संजय कुमार खुद केस की कमान संभाले हैं इसके बाद भी केस कछुआ चाल से भी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है, यह आश्चर्य का विषय है। क्षेत्र में इसको लेकर चर्चा हो रही है। इस केस में एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि छात्रा के शव को पुलिस ढूंढ भी नहीं पाई थी। गन्ने की छिलाई के दौरान गांव वालों को छात्रा का कंकाल मिला था। इसके बाद उसकी मौत की पुष्टि हुई थी।
थाना निगोही के गांव हरसेली निवासी सुरेश कुमार की बेटी काजल गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर अल्हादादपुर में स्थित स्वामी दिव्यानंद शिक्षा निकेतन में इंटर की छात्रा थी। स्कूल में अर्द्ववार्षिक परीक्षा के चलते 30 नवंबर 2023 को पिता सुरेश उसे साइकिल से स्कूल छोड़कर आए थे, लेकिन वह दोपहर तक परीक्षा देकर वापस नहीं लौटी। पिता सुरेश ने बेटी के बारे में जानकारी करने के लिए बेटे अनमोल को कॉलेज भेजा, जहां कॉलेज बंद मिला। कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया, तब कॉलेज के ही अध्यापक चन्यौरा निवासी अमर सिंह ने बताया कि काजल को ईट भट्ठा के समीप नहर पुलिया के पास जाते हुए देखा था। पिता ने बताया कि बेटी को कभी-कभी अध्यापक अमर सिंह बाइक से घर छोड़ देता था, उस दिन बेटी को अकेला जाते देख भी अनदेखा कर दिया। छात्रा के पिता ने पुलिस को बताया कि उसे अध्यापक अमर सिंह व गांव हरसेली निवासी सचिन पुत्र राजेश, अमन पुत्र ब्रह्मपाल के साथ ही कॉलेज प्रबंधक रामबरन वर्मा पर शक है। आरोप लगाया कि प्रबंधक ने पूछने पर धमकी दी कि जो कर मिले, कर लेना। पीड़ित पिता ने बताया कि 30 नवंबर 2023 की दोपहर दो बजे से अब तक बेटी को तलाश करता रहा लेकिन बेटी का सुराग नहीं लगा। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।
लापता होने के चार माह बाद मिला था शव
छात्रा के लापता होने के चार माह बाद पांच मार्च 2024 को हरसेली गांव के श्यामपाल सिंह के गन्ने के खेत में छोल हो रही थी। गन्ना काटकर खेत खाली किया जा रहा था। इसी बीच श्यामपाल की अचानक नजर वहां पर मिट्टी में सने हुए काले और पीले रंग की सलवार और हल्के हरे रंग के सूट पर पड़ी तो उनका माथा ठनक गया। वहीं दो कदम आगे मानव कंकाल की खोपड़ी और पैरों की हड्डियां, रीढ़ की हड्डी पड़ी थी। इस घटना की जानकारी गांव वालों तक पहुंची तो मौके पर लोगों की भीड़ लग गई थी। खेत स्वामी की सूचना पर तत्कालीन थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। गांव की ही एक 17 वर्षीय काजल जो कि लापता चल रही थी, उसके पिता सुरेशपाल अपनी पत्नी सुनीता देवी के साथ पहुंच गए थे। उन्होंने मिट्टी से सने कपड़ों को देखकर कहा था कि यह कपड़े उनकी बेटी के लग रहे हैं, लेकिन मिट्टी में सने होने की वजह से कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। इसके बाद मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए। पुलिस ने उस वक्त कहा था कि कंकाल काजल का ही है, इसके लिए डीएनए कराना पड़ेगा और तभी काजल का कंकाल होने की पुष्टि होगी। जब डीएनए रिपोर्ट आई तो एएसपी संजय कुमार थाना निगोही पुलिस टीम के साथ हरसेली गांव पहुंचे और छात्रा के माता-पिता से घटना के बारे में जानकारी की और इसके बाद मौका मुआयना किया और ईंट भट्ठे पर जाकर कुछ लोगों से पूछताछ की। घटना के खुलासे को चार टीमें गठित की गईं हैं।
बेटी की तलाश में जमीन भी रखनी पड़ गई थी गिरवी
सुरेश कुमार ने बेटी की तलाश के लिए पुलिस से मदद मांगी थी तो उसे जमीन गिरवीं रखनी पड़ गई थी। एक बीघा जमीन गिरवी रखकर उसने 60 हजार रुपये की व्यवस्था की थी और 50 हजार रुपये नाते-रिश्तेदारों से मांग कर जुटाए थे। इसके बाद पुलिस के साथ हवाई जहाज से गोवा पहुंचा और वहां से 270 किलोमीटर किन्नौर जनपद पहुंचने के लिए 18 हजार रुपये में टैक्सी किराए पर की थी। इतना सब कुछ खर्च होने के बाद भी बेटी काजल का सुराग नहीं लगा।
पुलिस ने मांगी तहरीर, परिजन हट गए थे पीछे
गन्ने के खेत में कंकाल मिलने पर मिट्टी से सने कपड़े देखकर बेटी के कंकाल होने का अंदेशा जता रहे माता-पिता से तत्कालीन थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने तहरीर देने के लिए कहा था। पुलिस ने कहा था कि इस मामले में तहरीर को जांच में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन कार्रवाई तभी आगे बढ़ेगी जब डीएनए रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह कंकाल काजल का ही है। इस बात पर परिजन तहरीर देने से पीछे हट गए थे।
माता-पिता को भी था डीएनए रिपोर्ट का इंतजार
पिता सुरेश और मां सुनीता का कहना था कि कपड़े मिट्टी में सने हुए थे इसलिए स्पष्ट कहना मुश्किल हो रहा था कि यह कंकाल बेटी का है या नहीं। कपड़े देखकर कुछ-कुछ बेटी का ही कंकाल लग रहा था। वह भी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे। अब डीएनए रिपोर्ट आई है तो उन्हें भी तसल्ली मिली है।
जांच को लगाई गईं चार टीमें
मामले की जांच के लिए एसओजी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार, निगोही थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद सिंह चौहान, एएचटीयू प्रभारी सुरेंद्रपाल सिंह और क्राइम ब्रांच सुजाऊ रहीम की अध्यक्षता में चार टीम बनाई गई हैं।
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