अब चेहरे को सुंदर रखने के साथ दात को भी रख सकेंगे सुरक्षित: कानपुर के उर्सला अस्पताल में बनेगी डेंटल लैब, शासन ने दी मंजूरी
कानपुर, अमृत विचार। एक प्यारी-सी मुस्कान चेहरे की सुंदरता पर चार चांद लगा सकती है, लेकिन मुस्कुराहट के लिए सबसे जरूरी है सुंदर, सफेद और चमकदार दांत। दांत को सुरक्षित और दुरस्त रखने के लिए लोग हजारों रुपये खर्च कर देते है।
कुछ लोग अच्छा दिखने के लिए कृत्रिम दांत भी लगवाते हैं, जिसके लिए कई बार उन्हें लखनऊ तक की दौड़ लगानी पड़ जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि उर्सला में ही डेंटल लैब का निर्माण किया जाएगा।
दांतों की समस्या के लिए अब निजी डेंटल क्लीनिक या हॉस्पिटल की ओर रूख नहीं करना पड़ेगा। न ही उन्हें लखनऊ के केजीएमयू जाना पड़ेगा। उर्सला अस्पताल में ही ऐसे मरीजों का न सिर्फ इलाज होगा, बल्कि कृत्रिम दांत लगवाने की भी सुविधा उन्हें मिलेगी। उर्सला में इसके लिए डेंटल की लैब का निर्माण किया जाएगा। लैब के संबंध में प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है। साथ ही जगह चिन्हित करने के निर्देश भी दिए हैं।
अस्पताल प्रशासन ने दो जगह चिन्हित की है। पहली जगह पुराना बर्न वॉर्ड और दूसरी जगह पुराना ब्लड बैंक। उर्सला अस्पताल के प्रबंधक डॉ.फैसल नफीस ने बताया कि शासन को रिपोर्ट भेज दी है। इंजीनियर के निरीक्षण के बाद जगह चयन होगी। बजट जारी होते ही लैब के निर्माण का कार्य शुरू होगा।
पोर्टेबल माइक्रो मोटर की भी मांग की
दंत रोग विभाग के डॉ.एके गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन दो से ढाई सौ मरीज आते हैं, इनमें करीब 20 प्रतिशत ऐसे मरीज होते हैं, जिन्हें दांत लगवाने या बत्तीसी लगवाने की जरूरत होती है। यहां व्यवस्था न होने से उन्हें रेफर करना पड़ता है। उम्मीद है कि एक साल में लैब शुरू हो जाए। वहीं, एक पोर्टेबल माइक्रो मोटर की भी मांग की गई है, ताकि कहीं पर भी बैठकर मरीजों की बत्तीसी को ठीक किया जा सके।