साबरमती की मुरीद हुई भाजपा: सीएम योगी आदित्यनाथ मत्रियों के साथ देखने पहुंचे शो, प्रधानमंत्री कर चुके है तारीफ

साबरमती की मुरीद हुई भाजपा: सीएम योगी आदित्यनाथ मत्रियों के साथ देखने पहुंचे शो, प्रधानमंत्री कर चुके है तारीफ

अमृत विचार, लखनऊ: बॉक्स आफिस पर धमाल मचा रही विक्रांत मैसी की फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की मुरीद भाजपा भी हो गई है। प्रधामंत्री ने इस मूवी की जमकर तारीफ की और अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल और कार्यकर्ताओं के साथ इसे देखने पहुंचे हैं। उनके लिए शहीद पथ के पास स्थित फिनिक्स पलासियो मॉल में विशेष शो रखा गया है। सीएम के साथ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी मूवी देखेंगे। मूवी में 2002 में गुजरात के गोधरा कांड को दिखाया गया है।

15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तारीफ कर चुके हैं। मूवी में मुख्य किरदार निभाने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी ने दो दिन पहले सीएम योगी से मुलाकात की थी। फिल्म करने के बाद विक्रांत ने कहा कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। यह फिल्म गुजरात में 2002 में कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना पर आधारित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 में गोधरा ट्रेन त्रासदी से पहले की घटनाओं पर विक्रांत मैसी अभिनीत फिल्म पर एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए , सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, कि 'अच्छा है यह सच्चाई सामने आ रही है और वह भी एक तरह से जिसे आम लोग देख सकते हैं। एक फर्जी कहानी केवल सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं।’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक एक्स पोस्ट शेयर किया है। इसमें फिल्म के बारे में कुछ जरूरी बातें भी बताई गई हैं। पोस्ट में यह दावा किया गया है कि इस फिल्म को क्यों देखा जाना चाहिए। इसके बारे में चार पॉइंट लिखे गए हैं।

पहले पॉइंट में कहा गया कि यह प्रयास विशेष रूप से सराहनीय है क्योंकि यह हमारे हाल के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक की महत्वपूर्ण सच्चाई को सामने लाता है। दूसरे पॉइंट में कहा गया कि फिल्म के निर्माताओं ने इस मुद्दे को बहुत संवेदनशीलता और गरिमा के साथ संभाला है। तीसरे पॉइंट में कहा गया कि एक बड़े मुद्दे पर हम सभी के लिए यह आत्मनिरीक्षण करने लायक है कि कैसे साबरमती एक्सप्रेस के यात्रियों को जलाए जाने की घटना को एक निहित स्वार्थी समूह द्वारा राजनीतिक बारूदी सुरंग में बदल दिया गया, जिसने इसे एक नेता की छवि को धूमिल करने के साधन के रूप में देखा। उनके पारिस्थितिकी तंत्र ने अपने स्वयं के तुच्छ एजेंडे को संतुष्ट करने के लिए एक के बाद एक झूठ फैलाया। चौथे पॉइंट में कहा गया कि आखिरकार 59 निर्दोष पीड़ितों को खुद के लिए बोलने का मौका मिला।  यह फिल्म वास्तव में उन 59 निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है जिन्हें हमने उस फरवरी की सुबह खो दिया था।

यह था गोधरा कांड 

27 फरवरी, 2002 की सुबह साबरमती एक्सप्रेस अपने टाइम से ही लगभग 12 बजे गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बिहार के मुजफ्फरपुर से गुजरात के अहमदाबाद तक चलने वाली इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे। इसमें बड़ी संख्या में कारसेवक भी शामिल थे। गोधरा से ट्रेन के रवाना होने के बाद इमरजेंसी चेन को कई बार खींचा। इसकी वजह से ट्रेन स्टेशन के बाहर सिग्नल के पास ही रुक गई। इसके बाद भयानक हमला हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 2000 लोगों की भीड़ ने ट्रेन पर पत्थर फेंके और इसके चार डिब्बों में आग लगा दी। इस आग में 59 लोग जल गए। वहीं 48 यात्री घायल भी हो गए थे। इसके बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए।

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