Kanpur: एलएमएल का मामला: संपत्ति बिक गई पर देनदारी में हीलाहवाली, भविष्य निधि क्षेत्रीय आयुक्त से मिले कंपनी के लिक्वीडेटर

Kanpur: एलएमएल का मामला: संपत्ति बिक गई पर देनदारी में हीलाहवाली, भविष्य निधि क्षेत्रीय आयुक्त से मिले कंपनी के लिक्वीडेटर

विशेष संवाददाता, कानपुर। लोहिया मशीन्स लिमिटेड यानी एलएमएल कर्मचारियों का बकाया भुगतान अब तक लंबित है। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) प्रयागराज में यह मामला लंबित है। कर्माचारियों की यूनियन का आरोप है कि संपत्ति बिक्री के बाद भी लिक्वीडेटर (परिसमापक) अरुण गुप्ता समझौते के बावजूद एक मुश्त भुगतान में हीलाहवाली कर रहे हैं। 

उधर लिक्वीडेटर ने हाल ही में क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय में क्षेत्रीय आयुक्त भेंट की है। उनकी कोशिश है कि भुगतान को लेकर समय में थोड़ी और ढील दी जाए। लिक्वीडेटर ने दिल्ली में भी यूनियन नेताओं को बुलाकर बातचीत की थी। एडवोकेट आशुतोष शर्मा ने बताया कि 25 नवंबर को एनसीएलटी (प्रयागराज) में सुनवाई की तारीख पड़ी है।

भुगतान संबंधी केस लड़ रहे एलएमएल मजदूर एकता संगठन के संरक्षक विष्णु शुक्ला ने बताया कि एलएमएल के करीब 3500 से भी ज्यादा कर्मचारियों का बकाया भुगतान आज भी खटाई में पड़ा है। भविष्य निधि, ले-ऑफ, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट आदि मदों का करीब 300 करोड़ रुपये की देनदारी है। भविष्य निधि कार्यालय की ओर से भविष्यनिधि की मद में ब्याज सहित धन जमा करने को लेकर एलएमएल के लिक्वीडेटर को नोटिस भी जारी किया गया था। 

यूनियन लीडर विष्णु शुक्ला ने बताया कि औद्योगिक न्यायाधिकरण ने 2022 में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था जिसके मुताबिक 7 मार्च 2006 से  23 मार्च 2018 तक बकाएदारी 220 करोड़ आयी थी। इसमें ग्रेच्युटी, सेलरी, बोनस, क्लोजर सहायता राशि, लीव इनकैशमेंट शामिल था। इस बीच कंपनी ने 2016 में 38 करोड़ का भुगतान भी किया। 

तालाबंदी, बोनस और लेऑफ का केस यूनियन जीती थी जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गयी थी पर हाईकोर्ट ने मजदूरों के पक्ष में दिए गए औद्योगिक न्यायाधिकरण के फैसले पर मुहर लगायी थी। दूसरी तरफ भविष्य निधि कार्यालय से पता चला कि चार नवंबर को लिक्वीडेटर अरुण गुप्ता ने क्षेत्रीय आयुक्त से बातचीत की थी।
यहां पर उल्लेखनीय है कि लिक्वीडेटर ने इनसॉलवेंसी एंड बैंकरपट्सी कानून के तहत संपत्ति नीलामी की सूचना जारी की थी। 

पनकी इंडस्ट्रियल इस्टेट साइट 1 व 3 में 67.56 एकड़ भूमि व भवन की कीमत 151.84 करोड़ रु., साइट-2 में 15.21 एकड़ 34.88 करोड़, साइट-3 में 52.35 एकड़ कीमत 117.73 करोड़, साइट-3 में ही 40.24 एकड़ कीमत 90.61 करोड़, साइट-3 में ही 12.11 एकड़ के लिए 28.13 करोड़ रु. के लिए ई-नीलामी के लिए आवेदन मांगे थे। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक यह संपत्ति बिक चुकी है। दिल्ली और मुंबई की भी संपत्ति बेची जा चुकी है।

यह भी पढ़ें- 'दूसरे समुदाय के लोगों से भंडारे में खाना बनवाया, मांस भी मिलवाया होगा', भाजपा नेता ने समर्थकों के साथ युवक को पीटा, पत्नी से अश्लीलता, 40 लोगों पर FIR