kala-Azar: 15 दिन से ज्यादा बुखार आने पर होगी कालाजार की जांच, अपर निदेशक ने जारी किया निर्देश
लखनऊ, अमृत विचार: शहर में कालाजार का मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अब 15 दिन से अधिक बुखार आने पर मरीज की कालाजार की जांच कराई जाएगी। जिससे उसके इलाज से सम्बंधित जरूरी प्रबंधन किया जा सके। इस संबंध में अपर निदेशक मलेरिया की और से सभी सरकारी अस्पतालों को जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
गत 23 अक्टूबर को त्रिवेणी नगर के 17 वर्षीय किशोर को तेज बुखार आने पर एरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। कालाजार की आशंका पर खून का सैंपल लेकर जांच कराई गई। लगभग आठ दिन बाद आई रिपोर्ट में पुष्टि हुई। इसके बाद डब्ल्यूएचओ और जिला मलेरिया टीम ने संक्रमित व्यक्ति के घर और उसके इलाके का निरीक्षण किया। साथ ही बालू मक्खी को ढ़ूंढने का प्रयास किया तो एक बालू मक्खी मिली। मक्खी नर है या मादा इसकी पुष्टि के लिए जांच कराई जा रही है। क्योंकि कालाजार मादा बालू मक्खी के काटने से फैलता है। टीम ने 300 लोगों का सैंपल भी लिया था। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। कालाजार का मरीज मिलने के बस स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हुआ है। इस संबंध में अपर निदेशक मलेरिया ने ऑनलाइन मीटिंग कर सभी अस्पताल प्रशासन को संदिग्ध मरीजों की जांच कराने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि इससे पहले 2022 में मरीज मिला था। इसके बाद लगातार छिड़काव और टीकाकरण से के बाद शहर को कालाजार मुक्त माना जाने लगा था। लेकिन एक बार फिर से कालाजार संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है।
कैसे होता है कालाजार बुखार
- कालाजार बुखार मादा बालू मक्खी के काटने से होता है
- यह मक्खी सीलन वाले और कच्चे मकानों में पाई जाती है
- बालू मक्खी उड़ती नहीं है, फुदक-फुदक कर चलती है।
- बालू मक्खी दिखने में सामान्य मक्खी से छोटी होती है
- यह मक्खी सीलन वाली जमीन की दरारों में अधिक पाई जाती है।