Bareilly: नवदिया झादा में मौतें रोकने के लिए चाहिए बस एक तारीख
बरेली, अमृत विचार: ब्लैक स्पॉट घोषित नवदिया झादा में फ्लाईओवर बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं लेकिन फिर भी निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। तत्कालीन मंडलायुक्त समेत कई अफसरों की पैरवी के बावजूद एनएचएआई लखनऊ से काम शुरू करने की अब तक तारीख नहीं मिली है। अफसर यह भी साफ नहीं कर पा रहे हैं कि एनएचएआई कब तक निर्माण शुरू करने की अनुमति देगा।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे को जोड़ने वाले बड़ा बाईपास पर नवदिया झादा में बीसलपुर रोड पर बेतहाशा होने वाले हादसों में कई लोग जान गवां चुके हैं। हादसे रोकने के लिए यहां पांच साल पहले फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया गया था। पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन चीफ इंजीनियर राकेश राजवंशी के कार्यकाल में एक किमी लंबे फ्लाईओवर का डिजाइन तैयार करने के साथ करीब सौ करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया था लेकिन इसके बाद यह प्रोजेक्ट फाइल में कैद होकर रह गया।
तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने 16 अक्टूबर 2020 को एनएचएआई के अध्यक्ष को पत्र भेजकर यहां फ्लाईओवर बनवाने के लिए पैरवी की। उन्होंने अपने पत्र में जुलाई 2017 में यहां हुए हादसों में 20 लोगों की मौत का भी जिक्र किया था। पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता डीके तिवारी ने भी 2020 में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी को नवदिया झादा में फ्लाईओवर के निर्माण को महत्वपूर्ण बताते हुए स्वीकृति दिलाने का आग्रह किया लेकिन इसके बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला।
मार्च में काम शुरू करने का था दावा
इसी साल जनवरी में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के नाराजगी जताने पर एनएचएआई के मुरादाबाद डिवीजन के अधिकारियों ने क्षेत्रीय कार्यालय को फ्लाईओवर के निर्माण के लिए रिमाइंडर भेजा था। जवाब में वहां से जानकारी दी गई कि फरवरी में टेंडर निकालकर मार्च के पहले सप्ताह में काम शुरू कर दिया जाएगा लेकिन इस बार टेंडर ही नहीं निकाले गए।
फ्लाईओवर को काफी समय पहले मंजूरी मिल चुकी है। कुछ समय पहले टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। दिल्ली की एक कंपनी को ठेका मिला है लेकिन निर्माण की तारीख लखनऊ कार्यालय से तय होनी है। तारीख तय होते ही उसके अनुरूप निर्माण शुरू हो जाएगा- अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक एनएचएआई मुरादाबाद डिवीजन।
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