लखनऊ: साइबर जालसाज गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार, मोबाइल चोरी कर उड़ा देते थे बैंक खातों से रकम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के गाजीपुर थाने और साइबर क्राइम सेल ने साइबर जालसाजों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सात सदस्य पकड़े गए हैं, जिनमें तीन नाबालिग हैं। आरोपियों ने कुबूल किया कि बाजार, सब्जीमंडी और मेलों में छोटे बच्चों से मोबाइल चोरी कराते है। लॉक तोड़कर डाटा चोरी कर बैंक खातों को साफ कर देते थे। आरोपियों में पांच झारखंड और एक-एक बिहार व पश्चिम बंगाल का है। पुलिस ने बाल अपचारियों को बाल सुधार गृह भेजा है, अन्य को जेल भेजा गया है।

एसीपी गाजीपुर अनिद्य विक्रम सिंह के मुताबिक झारखंड के तीन पहाड़ राजमहल स्थित बाबूपुर का शुभम कुमार महतो, सोनू महतो, सुतियाल पाढ़ा का राजकुमार राय, बिहार भागलपुर के कजरेली का जोनू कुमार को पकड़ा गया है। तीन बाल अपचारी में दो झारंखड के तीन पहाड़ व एक पश्चिम बंगाल के आसनसोल जमुड़िया का है। आरोपियों के पास से साइबर ठगी में प्रयोग किए गए 46 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरोह झारखंड के तीन पहाड़ इलाके से संचालित होता है। पुलिस गिरोह के सरगना समेत अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

एक सप्ताह में तोड़ा नेटवर्क

हरिहरनगर निवासी देशराज का मोबाइल आठ अप्रैल को मुलायमनगर बाजार में चोरी हो गया। दो दिन बाद उनके खाते से 1,99,999 रुपये साफ हो गये। 13 अप्रैल को गाजीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद गाजीपुर पुलिस और साइबर क्राइम सेल की टीम ने जांच शुरू की। छह दिन के अंदर साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया।

साइबर क्राइम सेल के एसआई आदिल ने बताया कि चौक के फूलमंडी, बीकेटी सब्जी मंडी, विराजखंड सब्जीमंडी, नक्खास बाजार समेत कई भीड़भाड़ वाले इलाके से मोबाइल चोरी होने के बाद खाते से रुपये निकलने की शिकायत मिली। इस मामले की भी जांच के दौरान झारखंड के तीन पहाड़ गिरोह का नाम सामने आया। गिरोह का सरगना सोनू महतो है, जिस पर हमीरपुर, बख्शी का तालाब और गोरखपुर के थानों में मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी कुछ माह से राजाजीपुरम में किराये के मकान में रह रहे थे।

फाइंड माई डिवाइस ऑफ कर उड़ाते थे डाटा

इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों शुभम, सोनू, राजकुमार और जोनू ने कुबूल किया कि देश के कई शहरों में नेटवर्क फैला है। बच्चों को गिरोह में शामिल किया गया है। उनके जरिये मोबाइल चोरी कराते है। इसके बाद दूसरे साथियों की मदद से चोरी मोबाइल फोन का लॉक, आईक्लाउड लॉक तुड़वाते थे। मोबाइल में फाइंड माई डिवाइस को ऑफ कर देते इसके बाद चोरी मोबाइल के सिमकार्ड से लिंक बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड से अपने फर्जी नाम व पते पर खोले गये बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे। बाद में मोबाइल को सस्ते दामों पर बेच देते हैं।

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