प्रयागराज : अधिवक्ता को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, जानिए वजह

प्रयागराज :  अधिवक्ता को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, जानिए वजह

प्रयागराज , अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले से संबंधित पूरी जानकारी न देने पर याची के अधिवक्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिवक्ताओं को अपने कार्यों के प्रति तब और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए, जब उनके कार्यों से आम जनता के बीच न्यायाधीश की छवि खराब होने की संभावना हो। कोर्ट ने कहा कि गलती जानबूझकर, अनजाने में या बिना सोचे-समझे की जा सकती है, लेकिन न्यायालय और इसकी कार्यवाही को हल्के में लेना उचित नहीं है।

अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्रवाई को सावधानीपूर्वक संबोधित करने की आवश्यकता है, क्योंकि  न्यायालय की गरिमा अधिवक्ता के हाथों में होती है। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की एकलपीठ ने अपीलकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता द्वारा मामला वापस लेने की मांग करने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए की। दरअसल मौजूदा न्यायाधीश एक बार विपक्षी के अधिवक्ता के रूप में मामले में पैरवी कर चुके थे।

कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अपीलकर्ताओं के अधिवक्ता की ओर से उपस्थित संक्षिप्त विवरणकर्ता (ब्रीफ फोल्डर) ने कोर्ट को यह सूचित नहीं किया कि मामला किसी अन्य पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए, क्योंकि वर्तमान न्यायाधीश एक बार प्रतिवादी की ओर से पैरवी कर चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि यद्यपि यह मुद्दा बहुत छोटा प्रतीत होता है, लेकिन संस्था के हित में अति महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायालय बार के सदस्यों द्वारा व्यक्त विश्वास के आधार पर कार्य करता है। दोनों ही समाज के लिए न्याय प्रदान करने का काम करते हैं, इसलिए दोनों पक्षों का यह पवित्र कर्तव्य है कि वह ऐसी स्थिति उत्पन्न न होने दे, जिससे न्याय के उद्देश्य विफल हो जाएं।

अंत में कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि चूंकि उन्हें प्रारंभ में यह पता नहीं था कि वह मामले में विपक्षी के अधिवक्ता के रूप में प्रस्तुत हो चुके हैं, इसलिए वर्तमान वापसी आवेदन को स्वीकार करते हुए अपील को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया, साथ ही अपीलकर्ताओं के अधिवक्ता की ओर नरम रुख अपनाते हुए भविष्य में न्यायिक कार्यवाही को सावधानी से संबोधित करने के लिए चेतावनी दी। इसके अलावा अंत में कोर्ट ने मामले को दिसंबर 2024 के पहले सप्ताह में मुख्य न्यायाधीश से नामांकन प्राप्त करने के बाद किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

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