Digital Arrest: आपके पार्सल में ड्रग मिला है, मुंबई पुलिस अधिकारी बन डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठे 1 लाख

Digital Arrest: आपके पार्सल में ड्रग मिला है, मुंबई पुलिस अधिकारी बन डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठे 1 लाख

लखनऊ, अमृत विचार: पार्सल में अवैध सामान और गैर कानूनी लेनदेन की बात कहकर साइबर जालसाज ने राजाजीपुरम के अविनाश श्रीवास्तव से करीब एक लाख रुपये की ठगी कर ली। वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट कर जालसाज ने मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर खाते में रकम ट्रांसफर कराई। मना करने पर मनी लांड्रिंग के तहत गिरफ्तार करने का डर दिखाया। पीड़ित ने तालकटोरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे ने बताया कि साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है।

राजाजीपुरम सेक्टर-1 में अविनाश श्रीवास्तव परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को अंजान नंबर से कॉल आई। फोनकर्ता ने अपना परिचय फेडेक्स कोरियर के कर्मी के रूप में दिया। कहा कि आपका एक पार्सल रिटर्न हुआ है। जानकारी पर पता चला कि आपके आधार कार्ड और फोन नंबर का इस्तेमाल कर मुंबई से ताइवान के लिए पार्सल भेजा गया है। पार्सल में एमडीएमए ड्रग्स हैं। फोनकर्ता ने कहा कि आप मुंबई साइबर क्राइम में शिकायत कीजिए। पीड़ित ने कहा कि वह लखनऊ में है और मुंबई नहीं जा सकता। इस पर जालसाज ने कहा कि कॉल को साइबर क्राइम को ट्रांसफर कर रहे हैं।

कॉल ट्रांसफर होने पर जालसाज ने स्काइप आईडी एनसीबी मुंबई डिपार्टमेंट पर कनेक्ट होने को कहा। वीडियो कॉल पर कनेक्ट कर जालसाज ने मुंबई एनसीबी अधिकारी बनकर बताया कि आपके आधार कार्ड से कई ज्वाइंट अकाउंट खोले गए हैं। जिसका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया जा रहा है। पीड़ित अविनाश ने कहा कि उन्होंने कोई खाता नहीं खोला है। इसपर जालसाज ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने का डर दिखाया। बताया कि आपके खाते की जांच की जाएगी। इस दौरान अगर कोई गैर कानूनी लेनदेन हुई है तो आपको गिरफ्तार किया जाएगा। और अगर आपके खाते में कोई गलत लेनदेन नहीं है तो जांच के बाद रुपये वापस ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।

हालांकि गोपनीय जांच पूरी होने तक आप न ही किसी से मिलेंगे और न ही किसी को कुछ बताएंगे। जालसाज ने अविनाश को डराने के बाद वीडियो कॉल पर स्क्रीन शेयरिंग कराया। फिर डिजिटल अरेस्ट कर खाते में 98 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद जालसाज ने कुछ घंटे इंतजार करने के लिए कहा। फिर कॉल कट गई। कुछ देर बाद पीड़ित ने स्काइप आईडी चेक की तो मुंबई एनसीबी की आईडी गायब मिली। शक होने पर पीड़ित ने परिवार से आपबीती बताने के बाद साइबर क्राइम सेल में शिकायत की। पीड़ित ने तालकटोरा थाने में आईटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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