हरदोई: भाजपा बूथ अध्यक्ष बना हैवान! सगे भाई को लाठी-डंडों से पीटाकर डाला खौलता पानी, फिर ईंट से ताबड़तोड़ प्रहारकर उतारा मौत के घाट, वजह जान हो जाएंगे हैरान

हरदोई: भाजपा बूथ अध्यक्ष बना हैवान! सगे भाई को लाठी-डंडों से पीटाकर डाला खौलता पानी, फिर ईंट से ताबड़तोड़ प्रहारकर उतारा मौत के घाट, वजह जान हो जाएंगे हैरान

हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में  जमीन के टुकड़े के लिए एक भाई ने अपने सगे भाई को मौत के घाट उतार दिया। भाई ने ऐसी हैवानियत दिखाई कि दुश्मनों के भी रोंगटे खड़े कर दे। भाजपा का बूथ अध्यक्ष बने बड़े भाई ने पहले तो अपने छोटे भाई को लाठी-डंडो से पीटा, उसके बाद खौलता हुआ पानी डाला फिर उसके बाद ईंट से कुचला। बुरी तरह लहूलुहान हुए छोटे भाई को पीएचसी से सीएचसी तक ग्रामीणों ने पहुंचाया, फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

मामला पाली के शेख सराय अहमदपुर का है। वहां के बाकर के चार बेटों इरशाद, बादशाह, काले और इस्लाम के बीच 12 बीघा ज़मीन है। छोटा भाई बादशाह अपनी बहन अनीस बानों के पास रहता था, जबकि काले व इस्लाम बड़े भाई इरशाद के साथ रहते है। बड़े होने के नाते इरशाद सारे भाइयों पर रौब गांठता था। इस बीच इरशाद भाजपा का बूथ अध्यक्ष बन गया। जिससे उसके रौब में बची-खुची कसर भी पूरी है गई।

बादशाह ने जब-जब ज़मीन के बंटवारे की बात रखी, तब-तब इरशाद उसे लताड़ लगा कर चुप करा दिया। गुरुवार को बादशाह ने फिर वही बात कही। बादशाह की बात पर इरशाद इतना आग-बबूला हो गया कि उसने लाठी-डंडो से पिटाई ही नहीं की बल्कि उसके ऊपर खौलता हुआ पानी डाला और ईंट से कुचल कर लहूलुहान कर दिया।

बड़े भाई की हैवानियत का शिकार हुए छोटे भाई बादशाह को पाली पीएचसी से सवायजपुर सीएचसी पहुंचाया गया, लेकिन फिर उसे घर उठा लाया गया, जहां शुक्रवार की देर रात उसकी घर में ही मौत हो गई। इसका पता होते ही वहां पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए वारदात की छानबीन शुरु कर दी।

हिस्सा मांगा, लेकिन उसके बदले दी मौत

शेख सराय अहमदपुर के बाकर के चार बेटों के बीच 12 बीघा ज़मीन है। जिसमें सब के हिस्से में 3-3 बीघा ज़मीन आती है। इरशाद घर में सबसे बड़ा था,इस वजह से उसके आगे छोटे भाइयों की बिल्कुल भी नहीं चलती थी। चूंकि काले और इस्लाम उसी के साथ रहते थे,इस वजह से उसके खिलाफ मुंह खोलने से घबराते थे,लेकिन बादशाह क ई बार बंटवारे की बात उठा चुका था,वह अपने हिस्से की तीन बीघा ज़मीन मांग रहा था। गुरुवार को भी उसने बड़े भाई से अपना हिस्सा मांगा था,लेकिन बदले में बड़े भाई ने उसे मौत दी।

दबाव के चलते खामोश बैठी रही पुलिस

इरशाद  भाजपा का बूथ अध्यक्ष था। इलाकाई पुलिस उसकी खैर-ख्वाह बनने के लिए आगे रहती थी। इरशाद अगर इमली को नीम कहता तो पुलिस की इतनी हिम्मत नहीं थी जो उसकी हां में हां कहने से मुकर जाए। बंटवारे को ले कर उसके घर में छिड़ी रार से पुलिस पूरी तरह से वाकिफ थी,लेकिन मामला भाजपा के बूथ अध्यक्ष का था,इस वजह से वह बिल्कुल खामोश रही और उसकी उसी खामोशी की वजह बात इतनी आगे बढ़ी कि हत्या जैसी वारदात हो गई।

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