Unnao: मौसम अनुकूल होते ही रेती की खेती करने वाले किसानों ने शुरू की बुआई, अच्छी पैदावार की उम्मीद, बीजों की बढ़ी कीमतों ने किया परेशान
उन्नाव, अमृत विचार। गंगा के जलस्तर में गिरावट के बाद अब गंगा की रेती खुल चुकी है। इस अनुकूल मौसम का लाभ उठाते हुए जायद की फसल बोने वाले किसानों ने रेती पर कब्जा कर पतावर खड़ी कर दी हैं। इसके साथ ही बुआई भी शुरू कर दी है। किसानों का कहना है कि इस बार मौसम अनुकूल है, जिससे अच्छी पैदावार की उम्मीद है, लेकिन बाजार में बीजों की कीमतों में भारी वृद्धि ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
बता दें चंपापुरवा कटरी से लेकर जाजमऊ चंदन घाट तक हजारों किसान इस समय गंगा की रेती में लौकी, कद्दू, तरोई, तरबूज, करेला, टमाटर, तरबूज, खरबूजा और अन्य जायद की फसलें बो रहे हैं। गंगा किनारे रहने वाले ये किसान खेती के जरिए अपनी जीविका चला रहे हैं और अब, रेती में फसल बोने के लिए पतावर खड़ी करके बीजों की बुआई कर रहे हैं। इस बार फसल के लिए बीज महंगे मिलने के कारण किसान परेशान हैं और कुछ तो ब्याज पर पैसा लेकर फसल की तैयारी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस बार मौसम अच्छा है, लेकिन बीजों की कीमतों में वृद्धि ने उन्हें चिंतित कर दिया है।
बीज बाजार में महंगे मिलने के कारण कई किसानों को लागत निकालने में मुश्किल हो रही है। इसके साथ ही, अधिक पैदावार होने पर फसलों के दाम भी उचित नहीं मिलते, जिससे कई बार किसान अपनी फसल को खेतों में ही छोड़कर चले जाते हैं। किसान शकील, हलीम, बन्नू, अकील, असफाक, राजू, कल्लो समेत अन्य किसान कहते हैं कि वे सर्दी के मौसम में तरोई, कद्दू, लौकी, ककड़ी, खीरा, टमाटर, करेला, तरबूज, खरबूजा जैसी फसलें बो रहे हैं, जो मार्च तक तैयार होकर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाएंगी। किसानों की उम्मीदें तो हैं, लेकिन बीजों की महंगाई और फसल की उचित कीमत न मिलने की चिंता उनके मन में बनी हुई है।