आखिर कौन हैं ये शारदा सिन्हा, जिसके लिए सीएम से लेकर पीएम तक हैं चिंतित

आखिर कौन हैं ये शारदा सिन्हा, जिसके लिए सीएम से लेकर पीएम तक हैं चिंतित

लखनऊ, अमृत विचारः छठ पुजा के गानों का नाम लिया जाए तो सिर्फ एक सबसे पहले लोगों के मन में सामने आता है, वो कोई और नहीं बल्कि शारदा सिन्हा हैं। छठ के दौरान शारदा सिन्हा के गीतों की गूंज सबसे ज्यादा सुनाई देती है, जो लोगों को मन मुग्ध कर देते हैं। शारदा सिन्हा के सुर छठ की भावना में बसे हुए हैं, और उनके गीतों के बिना यह पर्व पूरी तरह से अधूरा लगता है। उनकी लोर प्रियता देश के किसी एक भाग में नहीं है बल्कि पूरे देशभर में हैं। शारदा के गानों के साथ ही छठ की शुरुआत और समापन होता है। छठ के दौरान लोग आपको उनके गीतों पर झूमते दिख जाएंगे। उनकी आवाज में एक अनोखी माधुर्य है, जो लोगों के दिलों को छू लेती है। 

आजकल शारदा की तबियत काफी खराब है, इस समय वे दिल्ली के एम्स हॉस्पिटस में वेंटिलेटर पर हैं। शरदा की हेल्थ के लिए उनके बेटे ने सोशल मीडिया पर लोगों से उनके ठीक होने की दुआ करने के लिए अपील की। शारदा की हेल्थ के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने शारदा के बेटे को कॉल करके उनकी मां की हेल्थ अपडेट ली थी। 

SHARDA
  
आपको बता दें कि बिहार की संगीत दुनिया में शारदा सिन्हा का नाम एक मिसाल के रूप में लिया जाता है। उनकी आवाज में छठ पर्व की भावना में बसी हुई है। उनके गीतों के बिना छठ का पर्व अधूरा लगता है। शारदा सिन्हा का जन्म अक्टूबर 1, 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी थे। शारदा ने अपने करियर में T-Series, HMV और टिप्स द्वारा जारी नौ एल्बमों में 62 छठ गीत गा चुकी हैं। उनकी आवाज में छठ के पर्व में चार चांद लग जाते हैं। उनके गीतों के बिना यह पूरी तरह से पर्व अधूरा है। शारदा सिन्हा ने संगीत की दुनिया में महारथ हासिल की हुई है। यहां तक बिहार में उन्हें कोकिला के नाम से जाना जाता है।
 
शारदा सिन्हा के गायन करियर को उड़ान देने के लिए उनके परिवार ने उनका भरपूर साथ दिया है। यहां तक उन्होंने सुगम संगीत की हर विधा में गायन किया। इसमें गीत, गज़ल, भजन शामिल हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली, हिंदी भाषाओं में गायन किया है। इसके साथ ही शारदा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी अपने मधुर सुर लगाए हैं। शारदा को कई उच्चतम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्मश्री, पद्म भूषण पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें बिहार सरकार ने सिनेयात्रा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
 
शारदा के गाए हुए गाने आज भी लोगों के बीच एक अलग पहचान रखते हैं। छठ के पर्व आपको उनके गाने सुनाई न दें ऐसा हो ही नहीं सकता है। शारदा सिन्हा बिहार में लोग संगीत की दुनिया का मिसाल कहते हैं। आज जहां देशभर में छठ की शुरूआत हो गई हैं। लोग छठ मना रहे हैं। वहीं शारदा के गाए गाने सुन उनके जल्द ठीक होने की अपील कर रहे हैं। हम शारदा सिन्हा की आवाज की महत्ता को सलाम करते हैं कि उन्होंने छठ की भावनाओं को जीवित रखा हुआ है। 

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