Kannauj: आठ हजार लेने के आरोपी को जेल, 21 लाख की गड़बड़ी में ‘मौन’, दोनों ही मामले पहुंचे थे समाज कल्याण मंत्री के समक्ष

तीन अधिकारियों की जांच में हुई थी वन विभाग में अपव्यय की पुष्टि

Kannauj: आठ हजार लेने के आरोपी को जेल, 21 लाख की गड़बड़ी में ‘मौन’, दोनों ही मामले पहुंचे थे समाज कल्याण मंत्री के समक्ष

कन्नौज, अमृत विचार। वजीफा दिलाने के एवज में कर्मी छात्रों से आठ हजार रुपये की घूस लेता है। लाभ न मिलने पर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी जाती है। बाद में जब वह जेल पहुंचता है तो निलंबित हो जाता है। दूसरी ओर करीब 21 लाख रुपये का अपव्यय करने वाले वन विभाग पर ‘कृपा’ बरकरार है। 

खास बात यह है कि दोनों ही मामले समाज कल्याण मंत्री के संज्ञान में है। वन विभाग की तो तीन अधिकारी 17 अप्रैल को जांच रिपोर्ट दे चुके हैं। पुष्टि होने के बाद भी कार्रवाई की बजाय इस पर जिम्मेदारों का ‘मौन’ है। 

दरअसल, समाज कल्याण विभाग में सुपरवाइजर रहा हृदेश यादव के खिलाफ समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप है कि पिछड़ा वर्ग के दो छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर करीब आठ हजार रुपये ऑनलाइन लिए थे। वजीफा न मिलने पर शिकायत मंत्री के पास पहुंची थी। पीड़ितों ने कार्रवाई करने से मना किया तो मंत्री ने ही इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। 

मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा होने के चलते आरोपी को लखनऊ जेल भेज दिया गया। आरोपी को निलंबित करने के बाद कानपुर में संबद्ध कर दिया गया। आरोपी अब जेल से रिहा हो चुका है और कानपुर में संबद्ध है। बताया गया है कि उसके खिलाफ पहले से ही कई शिकायतें थीं। 

दूसरी ओर वन विभाग की ओर से गड़बड़ी करने की जब शिकायत समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के पास पहुंची तो डीएम शुभ्रान्त शुक्ल को जांच कराने के लिए कहा गया। जांच के लिए तत्कालीन डीसी मनरेगा दयाराम यादव अब (पीडी डीआरडीए प्रतापगढ़), अधिशाषी अभियंता सिंचाई सूर्यमणि सिंह व पीडी डीआरडीए रामऔतार सिंह को कमेटी में रखा गया। 

कमेटी ने उमर्दा ब्लॉक क्षेत्र के वन ब्लॉकों में मौके पर पहुंचकर सत्यापन किया। इसमें 20 लाख 67 हजार 665 रुपये की फिजूलखर्ची (अपव्यय) पकड़ा। पूरी रिपोर्ट भी विकास भवन में दे दी गई। उसके बाद अब तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। 

उमर्दा ब्लॉक क्षेत्र में यहां पकड़ी गई फिजूलखर्ची

- हरेईपुर वन ब्लॉक एक में 92,371 रुपये
- हरेईपुर वन ब्लॉक दो में  90,423 रुपये
- हरेईपुर वन ब्लॉक तीन में 2,74,436 रुपये 
- हरेईपुर वन ब्लॉक चार में 3,46,834 रुपये
- खैरनगर वन ब्लॉक एक में 2,02,349 रुपये
- गुरौली वन ब्लॉक एक में 1,79,507 रुपये
- सुर्सी वन ब्लॉक एक में 2,56,037 रुपये
- सुर्सी वन ब्लॉक दो में 2,55,741 रुपये
- सुर्सी वन ब्लॉक तीन में 3,69,966 रुपये
 

इस तरह हुआ खर्च

नौ परियोजनाओं पर पौधरोपण के नाम पर 89 लाख 33 हजार 184 रुपये खर्च किया गया है। इसके सापेक्ष अधिकारियों की कमेटी ने मौके पर 69 लाख 65 हजार 519 रुपये खर्च होने की पुष्टि की। 20 लाख 67 हजार 665 रुपये की गलत तरीके से खर्च होने का मामला पकड़ा था।

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