अयोध्या: चित्रगुप्त मंदिर में अनुष्ठान के बाद कायस्थ समाज ने पूजी कलम

दुग्धाभिषेक भी किया, 15 लाख सूत दीप जलाकर मनाया उत्सव

अयोध्या: चित्रगुप्त मंदिर में अनुष्ठान के बाद कायस्थ समाज ने पूजी कलम

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या में दीपावली के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर यम द्वितीया पर्व धूम धाम से मनाया गया। मीरापुर डेरा बीवी क्षेत्र स्थित चंद्र हरि मंदिर में चित्रगुप्त जी की पूजा की गई। मंदिर परिसर में कायस्थ समाज के द्वारा विधि विधान से कलम पूजन किया गया। 15 लाख सूत दीप जलाकर उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के आयोजक सत्येंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रगुप्त मंदिर में यम द्वितीया का विशेष पूजन किया गया। सुबह 10 बजे दुग्धाभिषेक किया गया। उसके बाद कथा का आयोजन हुआ। दोपहर में सामूहिक लेखनी पूजन किया गया है।

उन्होंने बताया कि मान्यता है कि श्रीराम के वनवास से लौटने के बाद यहां राज्याभिषेक की तैयारी शुरू हुई। भरत ने गुरु वशिष्ठ से सभी देवी देवताओं को निमंत्रण संदेश भिजवाने की व्यवस्था  कराई। गुरु वशिष्ठ ने यह काम शिष्यों को सौंप दिया। जब सभी देवी-देवता राज्याभिषेक में पहुंचे तो श्री राम ने भरत से पूछा चित्रगुप्त जी दिखाई नहीं पड़े रहे हैं। पता चला की गुरु वशिष्ठ के शिष्यों ने चित्रगुप्त जी को निमत्रण नहीं पहुंचाया था।

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चित्रगुप्त ने गुरु वशिष्ठ की इस भूल को अक्षम्य मानते हुए यमलोक में सभी प्राणियों का लेखा जोखा लिखने वाली कलम को किनारे रख दिया, जिससे यमलोक के सारे काम रुक गये। गुरु वशिष्ठ की इस गलती को समझते हुए श्रीराम ने चित्रगुप्त को अयोध्या आने का निमंत्रण भेजा था।

इसी के साथ चित्रगुप्त को अयोध्या में विराजमान रखने के लिए उनके मंदिर की स्थापना कराई। इस दौरान कायस्थ समाज के अध्यक्ष सतीश सहाय, उपाध्यक्ष विश्व दीपक, मीडिया प्रभारी वीरेश, कोषाध्यक्ष सुशील, कार्तिकेय, सत्यप्रकाश, एडवोकेट अवधेश श्रीवास्तव, डॉ. अरविंद श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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