मुरादाबाद : काले धुंए के रूप में जहर उगल रहीं ई कचरा और पीतल गलाने की भट्टियां, बीमारी की चपेट आ रहे लोग

शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई, सत्ताधारी नेताओं के रसूख में हो रहा भट्टियों का अवैध संचालन, जिम्मेदारों ने भी बंद की आंखें

मुरादाबाद : काले धुंए के रूप में जहर उगल रहीं ई कचरा और पीतल गलाने की भट्टियां, बीमारी की चपेट आ रहे लोग

मुरादाबाद। दिवाली पर पटाखों के बारूद के धुंये से मुरादाबाद की हवा खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो गई थी। मुरादाबाद की आए दिन खराब होने वाली आबोहवा की अहम वजह जिले में धड़ल्ले से चल रही ई कचरा और पीतल गलाने की भट्टियां भी हैं। जिले के कई क्षेत्रों में ई कचरा गलाने की तमाम भट्टियां सत्ता पक्ष नेताओं के रसूख में चल रही हैं। आस-पास रहने वाले लोग शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से परेशान हैं। महानगर जामा मस्जिद और छड़ियों के मैदान नबाबपुरा, लालबाग में सांकरी गलियों में रहने वाले हजारों परिवार भट्टियों से उठने वाले धुएं से गंभीर बीमारियों की चपेट आ चुके हैं।

महानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक भले ही मैरून जोन से निकल कर शनिवार को यलो जोन पर आ चुका है। इसके बावजूद महानगर की पतली-पतली गलियों में चल रही ई कचरा और पीतल गलाने की भट्टियों से उठ रहा काला धुंआ लोगों के लिए जहर बनता जा रहा है। थाना नागफनी के क्षेत्र घोसियों की पुलिया पर ई कचरा जलाने का काम बड़े पैमाने पर खुले आम चल रहा है। ई कचरा जलाने के बाद उसकी राख को रामगंगा नदी में फेंक दिया जाता है। यहां अधिकतर भट्टियों का संचालन रात में किया जा रहा है। 

वहीं छड़ियों के मैदान नवाबपुरा में घनी आबादी के बीच 25 से 30 पीतल गलाने की गलाने की भट्टियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे वहां रहने वाले अन्य परिवार सांस और दमे की बीमारी से ग्रस्त हैं। मुगलपुरा थाना क्षेत्र में लालबाग और जामा मस्जिद पर राम गंगा किनारे पीतल और एलुमिनियम गलाने की भट्टियां खुलेआम चल रही हैं। देर रात भट्टियों से उठने वाले धुंए से वहां रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। छोटे-छोटे बच्चे और बुर्जुगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत भी की प्रदूषण विभाग से अधिकारी मौके पर भी आए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

तीन महीने पहले मिली शिकायतों पर घोसियों वाली पुलिया और लालबाग में कुछ भट्टियां तोड़ी गई थीं। साथ ही भट्टी संचालकों पर कार्रवाई भी की गई है। दिवाली के बाद पटाखों के प्रदूषण के चलते महानगर की वायु की गुणवत्ता खराब हो गई थी। अवैध रूप से संचालित भट्टियों पर पूर्णत: अंकुश लगाने की कार्रवाई फिर त्योहारों के बाद शुरू की जाएगी।-आशुतोष चौहान, उपाध्यक्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुरादाबाद

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