पीलीभीत: खिड़की की जाली खोलकर तीन संवासिनी भागीं, दो को GRP ने रेलवे स्टेशन पर पकड़ा

पीलीभीत: खिड़की की जाली खोलकर तीन संवासिनी भागीं, दो को GRP ने रेलवे स्टेशन पर पकड़ा

पीलीभीत, अमृत विचार। सखी वन स्टॉप सेंटर से तीन संवासिनी खिड़की में लगी जाली को खोलकर भाग निकलीं। दो संवासिनी को जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया। जबकि तीसरी संवासिनी का दूसरे दिन शाम तक कोई सुराग नहीं लगा। फिलहाल इस पूरी घटना ने वन स्टॉप सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जाता है। जनपद में मेडिकल कॉलेज परिसर में सखी वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। यहां वन स्टॉप सेंटर के स्टाफ के अलावा महिला पुलिस की लगातार 24 घंटे ड्यूटी रहती है। दिवाली के चलते वन स्टॉप सेंटर का स्टाफ छुट्टी पर गया हुआ था। दिवाली की रात करीब 12 बजे वन स्टॉप सेंटर में रखी गईं 03 संवासिनी शेल्टर में बनी खिड़की की जाली में लगे बोल्टों को खोलकर भाग निकलीं। उस समय वन स्टॉप सेंटर में महिला कांस्टेबल आराधना पांडेय समेत दो होमगार्डों की ड्यूटी थी। घटना की जानकारी महिला कांस्टेबल को शेल्टर में मौजूद अन्य संवासनियों ने शोर मचाया। तीन संवासिनी को गायब देख उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी पुलिस उच्चाधिकारियों को दी। वन स्टॉप सेंटर से संवासिनियों के गायब होने की जानकारी से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन फानन में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। पुलिस ने शहर में जहां-तहां संवासिनियों की तलाश शुरू कर दी। वन स्टॉप सेंटर से भागी दो संवासनियां भागकर रेलवे स्टेशन पर जा पहुंची थीं। जीआरपी एसओ राजबहादुर ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर रात करीब डेढ़ बजे के आसपास दो युवतियां संदिग्ध मिलीं थीं। उनके पूछताछ की गई। पहले तो वे टालमटोल करती रहीं। बाद में पूछताछ के दौरान दोनों ने वन स्टॉप सेंटर से भागकर आने की बात कही। इस पर कोतवाली पुलिस को सूचना देकर दोनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। इधर तीसरी संवासनी का शुक्रवार शाम तक कोई सुराग नहीं लग सका। तीसरी संवासिनी बिलसंडा थाना क्षेत्र की रहने वाली है। बताते हैं कि तीसरी संवासिनी 22 अक्टूबर देहरादून में संदिग्ध घूमते मिली थी। पूछताछ करने पर उसने अपना पता पीलीभीत का बताया। 23 अक्टूबर को सीडब्ल्यूसी में पेश किया गया। जहां उसे अग्रिम आदेशों तक वन स्टॉप सेंटर में रखने के आदेश दिए गए थे।

पहले अंदर से बंद किया था कमरा
वन स्टाप सेंटर से भागी तीन संवासिनियों के मामले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब पड़ताल की तो वहां मौजूद अन्य संवासिनियों ने बताया कि वह खाना खाने के बाद सो गई थीं। उसके बाद 03 संवासिनियों ने कमरे की कुंडी अंदर से बंद कर ली थी, ताकि कोई भी अंदर प्रवेश न कर सकें। इतना ही नहीं खाना बनाने वाला बड़ा चम्मच पहले ही संवासिनियों ने अपने पास रख लिया था। जिसकी मदद से उन्होंने खिड़की में लगी जाली को खोल लिया और भाग गई। जब अन्य दो संवासिनियों ने दरवाजे पर कुंडी लगी देखी और उनके साथ रहने वाली संवासिनियां शेल्टर से गायब मिली तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी महिला कांस्टेबल को दी।

वन स्टॉप सेंटर में सात लोगों का स्टाफ है। सभी लोग दिवाली अवकाश पर थे। इसी दौरान यह घटना हुई है। रोस्टर के मुताबिक एक स्टाफ की ड्यूटी थी, मगर उन्होंने भी सीएल ले ली थी। दिवाली अवकाश के बावजूद यदि वह ड्यूटी पर रहती तो उन्हें प्रतिकर अवकाश मिलता। वन स्टॉप सेंटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है। - तृप्ति मिश्रा, सेंटर इंचार्ज, वन स्टॉप सेंटर गया था।

वन स्टॉप सेंटर से संवासिनियों के गायब होने की सूचना मिली थी। इसके बाद अभियान चलाकर भागी दो संवासिनियों को रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया गया है। लापता संवासिनी की तलाश के लिए पुलिस की टीमें बनाकर सुरागरसी की जा रही है। इस मामले में गायब संवासिनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। - दीपक चतुर्वेदी, सीओ सिटी

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