रुद्रपुर: यूपी में करोड़ों की धोखाधड़ी: ठेकेदार को चाचा की जमीन बताकर ठगा
रुद्रपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में एक निर्माण कार्य ठेकेदार को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है। आरोपियों ने ठेकेदार को अपनी संपत्ति बताकर उसके सगे चाचा की जमीन पर सौदा किया। इस मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ये है मामला...
आवास विकास निवासी अभय कुमार गोयल, जो निर्माण कार्य का ठेकेदार है, ने अपने बेटे पारस गोयल और पार्टनर राजीव सिंघल के साथ मिलकर जमीन की खरीद-फरोख्त का कार्य किया। इस दौरान उनकी मुलाकात तेजिंदर सिंह बाजवा और पवनिंदर सिंह वासन से हुई, जिन्होंने गांव टैमरा में 8.33 एकड़ भूमि बेचने का प्रस्ताव रखा। सौदा 1.10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ पर तय हुआ और आरोपियों ने 10 लाख रुपये का बयाना भी ले लिया।
जब अभय ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया, तो पवनिंदर ने जानकारी दी कि यह जमीन उसकी चाची की बेटियों के नाम है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही रजिस्ट्री करवाएंगे, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई और आरोपियों ने अभय को धमकाना शुरू कर दिया।
धोखाधड़ी का खुलासा
अभय ने जब मामले की तहकीकात की, तो पता चला कि पवनिंदर ने अपनी रिश्तेदारों के नाम पर भूमि ट्रांसफर कर दी थी। इस पर अभय ने कोतवाली पुलिस में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
साजिश का पर्दाफाश
पुलिस के अनुसार, पवनिंदर और तेजिंदर ने जानबूझकर ठेकेदार को धोखा देने की साजिश रची। उन्हें ठेकेदार की जमीन खरीदने की गतिविधियों की जानकारी थी, जिससे उन्होंने यह धोखाधड़ी की योजना बनाई।
सगी बहनों की भूमिका पर संदेह
अभय ने बताया कि जमीन की असली मालिकान, सुरीना मनचंदा और निहारिका मग्गू, दोनों सगी बहनें हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इस धोखाधड़ी में बहनों की भी संलिप्तता हो सकती है, क्योंकि रजिस्ट्री के समय उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
धमकियों का सामना
धोखाधड़ी की भनक लगने पर अभय ने आरोपियों से पैसे वापस करने का दबाव बनाया। आरोप है कि तजिंदर और पवनिंदर ने अभय के परिवार को धमकी देते हुए कहा कि उनके कनाडा के खालिस्तानी आतंकवादियों से संबंध हैं और परिवार की हत्या कराने की धमकी दी। अभय ने जान-माल का खतरा भी महसूस किया है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को तेज कर दिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। यह मामला जमीन की खरीद-फरोख्त में सावधानी बरतने की आवश्यकता को उजागर करता है और धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक उदाहरण बनता है।
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