रोशनी कुशल जायसवाल मामला: सुप्रिया श्रीनेत का सवाल-यह कैसा न्याय है, भाजपा ने दिया यह जवाब

रोशनी कुशल जायसवाल मामला: सुप्रिया श्रीनेत का सवाल-यह कैसा न्याय है, भाजपा ने दिया यह जवाब

वाराणसी। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वाराणसी के रोशनी कुशल जायसवाल मामले में शनिवार को सवाल उठाया कि यह कैसा न्याय है, जहां पीड़िता को ही प्रताड़ित किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने श्रीनेत को मामले की जांच-पड़ताल के बाद बोलने की सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिना भेदभाव की सरकार है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे रोशनी हों या कोई अन्य, सभी के लिए कानून समान है। 

युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव रोशनी कुशल जायसवाल को भाजपा समर्थक राजेश सिंह के घर पर पहुंच कर उनके एवं उनके परिजनों के साथ मारपीट और बदसलूकी करने के मामले में वाराणसी की अदालत ने हाजिर न होने पर कुर्की का आदेश जारी किया है। पुलिस ने इस मामले में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को कांग्रेस नेत्री जायसवाल के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया है। इसके बाद रोशनी का सोशल मीडिया में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपील करती सुनी जा सकती हैं। 

शनिवार को रोशनी कुशल जायसवाल का यही वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया एवं डिजिटल मंच की अध्यच सुप्रिया श्रीनेत ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा,‘‘यह वाराणसी की रोशनी कुशल जायसवाल हैं। जब भी यह सोशल मीडिया पर कुछ लिखती थीं तो एक दरिंदा भाजपाई बलात्कार की धमकी देता था। इन्होंने उस ‘भगवाधारी राजेश सिंह’ के खिलाफ आवाज़ उठाई- क्या यह गुनाह है?’’ इसी पोस्ट में श्रीनेत ने यह भी सवाल किया,‘‘क्या अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए प्रतिकार ग़लत है? पिछले 40 दिनों से रोशनी के पति, भाई समेत पांच लोग जेल में हैं, रोशनी के घर की कुर्की का आदेश दिया गया है, वह ख़ुद अपने एक बच्चे के साथ गुमनामी की जिंदगी जी रही है।’’ 

श्रीनेत ने कहा,‘‘क्या चाहता है पुलिस प्रशासन कि एक औरत चुपचाप बलात्कार की धमकी सहती रहे? यह कैसा न्याय है जहां पीड़िता को ही प्रताड़ित किया जा रहा है?’’ सलाह देने के अंदाज में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ''नज़ीर ऐसी बननी चाहिए जहां लड़कियों के लिए इस तरह के शब्द लिखने वालों के होश उड़ जायें, रोशनी को क़ानून संगत न्याय देना ही होगा।’’ 

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने सलाह दी, ‘‘सुप्रिया श्रीनेत जी कांग्रेस पार्टी की तेज तर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, लेकिन अपनी तेजी में उन्होंने तथ्यों की पड़ताल की करना उचित नहीं समझा होगा। इसलिए इस तरह सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है।’’ श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि और वैसे भी झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीति करना कांग्रेस पार्टी की संस्कृति है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली सरकार है जो अपराध और भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कार्य करती है। 

श्रीवास्तव ने कहा ,‘‘ योगी सरकार बिना भेदभाव की सरकार है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है,चाहे रोशनी हों या कोई अन्य, सभी के लिए क़ानून समान है। कानून और पुलिस प्रशासन निष्पक्ष रूप से अपना कार्य करेगा।’’ सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुए वीडियो में रोशनी कुशल जायसवाल को यह कहते सुना जा सकता है,‘‘मैं वही रोशनी कुशल जायसवाल हूं जिसने 15 सितंबर को बलात्कार की धमकी देने वाले भाजपा समर्थक राजेश सिंह पर एक थप्पड़ जड़ा था। इसके बाद मुझ पर 307 सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर दिया गया है। जिसके चलते मैं 40 दिन से फरार हूं।’’ 

इस वीडियो में जायसवाल कह रही हैं,‘‘इधर, अदालत ने एक थप्पड़ मारने के लिए घर की कुर्की करने का आदेश दे दिया। क्या अपनी आबरू बचाने के लिए दुष्कर्म के धमकी देने वाले को थप्पड़ मारना इतना गलत हो गया कि मेरे परिवार को तहस-नहस कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा,‘‘मैं हर महिला से हाथ जोड़कर के निवेदन करना चाहती हूं कि आप अगर दुष्कर्म की धमकी झेल रही हैं तो आवाज मत उठाइएगा। पति और घरवालों से कहिएगा कि हाथ में चूड़ी पहनकर बैठ जाएं, आवाज उठाएंगे, तो जेल जाएंगे।’’ 

भाजपा समर्थक राजेश सिंह के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि रोशनी अपने समर्थकों के साथ 15 सितंबर को उनके मुवक्किल के लालपुर पांडेयपुर स्थित मकान पर पहुंचकर उनके तथा उनके परिजनों के साथ मारपीट और तोड़फोड़ की थी। तिवारी ने बताया कि इस घटना के बाद राजेश की पत्नी अनु सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में रोशनी के पति कुशल जायसवाल, रोशनी के भाई समेत पांच लोग हिरासत में हैं। 

तिवारी ने बताया कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अनु सिंह के मुकदमे में सुनवाई चल रही है। इस मामले में अनुपस्थित रहने के कारण अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए रोशनी के घर एवं संपत्ति की कुर्की का नोटिस चस्पा करने का आदेश दिया है, जिस पर कार्यवाही करते हुए वाराणसी पुलिस ने रोशनी के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया है।

 रोशनी का आरोप था कि उनको सोशल मीडिया अकाउंट पर राजेश सिंह अश्लील टिप्पणी करते हैं। मामले की जांच कर रहे विवेचक अंकुर कुशवाहा ने बताया कि इस मामले में हत्या के प्रयास, बलवा, मारपीट, धमकी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में रोशनी कुशल जायसवाल के पति कुशल जायसवाल, रोशनी के भाई समेत पांच लोग जेल में हैं और अदालत के आदेश पर शुक्रवार को रोशनी कुशल जायसवाल के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है।

 हालांकि कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि बहन रोशनी को मोदी जी एवं योगी जी की नीतियों का विरोध करने के कारण भाजपा एवं स्थानीय प्रशासन के हाथों कोप का भाजन बनना पड़ रहा हैं तथा स्थानीय प्रशासन घटना को बढ़ा-चढ़ा कर एकपक्षीय कार्यवाही कर रहा है। चौबे ने कहा ,‘‘यदि प्रशासन इसे भाजपा एवं कांग्रेस की लड़ाई के रूप में देखते हुए कार्यवाही कर सत्ता पक्ष को खुश करना चाहता हैं तो हम भी अपने कार्यकर्ता के सम्मान की रक्षा करना जानते हैं।’’ 

महानगर अध्यक्ष ने कहा,‘‘जिस दिन यह प्रकरण हुआ उसी दिन हम कांग्रेसजनों ने थाने में जाकर न्याय का मांग किया। कांग्रेसजनों के दबाव के चलते राजेश सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी लिखी गयी, पर सरकार के संरक्षण में सिंह के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।’’ उन्होंने कहा,‘‘हम न्याय पाने तक संघर्ष करेंगे। हम कांग्रेस जन इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराएंगे।’’ 

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