बरेली गोलीकांड: एक नेता के घर दोनों पक्षों में हो गया समझौता, सवालों में पुलिस की भूमिका
गैंगस्टर लगाने में देरी से आरोपियों को मिला लाभ, एसएसपी कराएंगे जांच
बरेली, अमृत विचार: इज्जतनगर क्षेत्र में पीलीभीत बाईपास पर करोड़ों रुपये के प्लाॅट पर कब्जे के लिए हुए गोलीकांड में एक नेता के घर दोनों पक्षों की बैठक और समझौता होने की चर्चा है। इसके अलावा विवादित प्लॉट पर साफ-सफाई का भी काम शुरू हो गया है। जिससे पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस की ओर से आरोपियों पर गैंगस्टर लगाने में देरी की वजह से आरोपियों को जमानत भी मिल गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मामले में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों की जांच कराने की बात कही है।
22 जून की सुबह पीलीभीत बाईपास पर प्लाॅट पर कब्जे को लेकर आदित्य उपाध्याय और राजीव राणा पक्ष में जमकर गोलियां चली थीं। पुलिस ने केपी यादव, धनुष उर्फ गुर्गा, गोला घोसी, रोहित ठाकुर, ललित सक्सेना और सुभाष लोधी समेत 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में इज्जतनगर थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। पिछले महीने पुलिस ने गोलीकांड के 35 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चर्चा है कि आरोपियों के जमानत पर बाहर आने पर एक नेता ने दोनों पक्षों की लंबी बैठक कराकर भारी नुकसान का हवाला देते हुए दोनों पक्षों में समझौता कराया। इसके बाद विवादित प्लॉट पर सफाई भी शुरू हो गई।
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