बरेली: हाउस टैक्स पर तनातनी: बरेली कॉलेज ने अपने आर्किटेक्ट से शुरू कराई नापजोख

 नगर निगम पर नापजोख कराने के 20 दिन बाद भी रिपोर्ट न देने का आरोप

बरेली: हाउस टैक्स पर तनातनी: बरेली कॉलेज ने अपने आर्किटेक्ट से शुरू कराई नापजोख

बरेली, अमृत विचार। करीब 27 करोड़ के बकाया हाउस टैक्स के मुद्दे पर बरेली कॉलेज और नगर निगम कोई समाधान निकालने के बजाय एक-दूसरे को गलत साबित करने पर अड़ गए हैं। बरेली कॉलेज में अब निजी तौर पर आर्किटेक्ट से संस्थान की नापजोख कराई जा रही है ताकि नगर निगम के टैक्स निर्धारण को गलत साबित किया जा सके। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि नापजोख की रिपोर्ट के साथ ही वह कॉलेज के सीज किए गए खाते खोलने के मुद्दे पर नगर आयुक्त से बात करेगा।

कॉलेज प्रशासन का आरोप है कि टैक्स निर्धारण पर उसकी आपत्ति के बाद नगर निगम ने बरेली कॉलेज में नए सिरे से नापजोख कराई थी लेकिन उसे 20 दिन बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं दी है। इसके बजाय उसके सीज किए बैंक खातों को मुक्त करने के लिए दो करोड़ जमा कराने की शर्त पर अड़ गया है। नगर निगम की ओर से वर्ष 1981 से लेकर 2024 तक आठ लाख रुपये सालाना की दर से कॉलेज पर टैक्स लगाया गया है जबकि 43 साल की लंबी अवधि में एक ही टैक्स दर लागू होना मुमकिन नहीं है।
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 10 सितंबर को हुई बातचीत में तत्कालीन नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने नापजोख के दौरान कॉलेज परिसर की सड़कों और जर्जर निष्प्रयोज्य इमारतों को टैक्स के दायरे में न रखने पर सहमति जताई थी लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। निधि गुप्ता वत्स के आदेश पर 27 सितंबर को नगर निगम की टीम ने कॉलेज में दोबारा नापजोख कर टैक्स का दोबारा आंकलन किया जिसके बाद उस पर कुल बकाया टैक्स 27.30 करोड़ बताया गया है। इसके बाद शर्त रखी गई है कि दो करोड़ का एडवांस चेक देने पर उसके सीज खातों को खोला जाएगा।

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि नापजोख के बाद कॉलेज का करीब 3.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र टैक्स के दायरे में लिया गया है जबकि वास्तव में क्षेत्र कम है। इसे स्पष्ट करने के लिए आर्किटेक्ट से दोबारा नापजोख कराई जा रही है। प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने बताया कि 21 अप्रैल 2024 को बकाया टैक्स की अदायगी न होने पर नगर निगम ने बरेली कॉलेज के 38 खाते सीज कर दिए थे। इस मुद्दे पर एक बार फिर प्रबंध सचिव के साथ नगर आयुक्त से बातचीत की जाएगी। सरकारी शैक्षिक संस्थान होने के नाते उम्मीद है कि विद्यार्थी हित में नगर निगम सहयोग करेगा।
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राज्यपाल के फोन पर खुले थे यूनिवर्सिटी के खाते

पिछले साल नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स की अदायगी न करने पर रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के बैंक खाते भी सीज कर दिए गए थे। पिछले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इसकी जानकारी दी गई थी। कहा जाता है कि राज्यपाल की ओर से तत्कालीन नगर आयुक्त को बैंक खाते खोलने का निर्देश दिया गया था जिसके बाद यूनिवर्सिटी के खाते खोले गए थे। उन्हें फिर दोबारा सीज नहीं किया गया।