Unnao: उद्योगों का केमिकलयुक्त पानी भी ‘पतित पावनी’ को कर रहा ‘जहरीला’...विभागीय अफसरों की मिलीभगत से हो रहा खेल

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में श्रृद्धालुओं को शुद्ध गंगाजल का दावा हो सकता फेल

Unnao: उद्योगों का केमिकलयुक्त पानी भी ‘पतित पावनी’ को कर रहा ‘जहरीला’...विभागीय अफसरों की मिलीभगत से हो रहा खेल

उन्नाव, अमृत विचार। तीर्थराज प्रयागराज में आगामी 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ को लेकर शासन से लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री खुद इस बार के महाकुंभ को लेकर संजीदा हैं। उनकी मंशा है कि इस बार के महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओं को ऐसा शुद्ध गंगाजल मिल सके जिसका वे बिना संकोच के आचमन कर सकें। लेकिन, मुख्यमंत्री की इस मंशा पर प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी खुलेआम बट्टा लगा रहे हैं। 

बता दें कि महाकुंभ-2025 में पतित पावनी मां गंगा के जल को शुद्ध रखने की शासन की मंशा को जिले के प्रदूषणकारी उद्योग व चर्म इकाइयां पलीता लगा रही हैं। इन उद्योगों के संचालकों द्वारा विभागीय अफसरों की मिलीभगत के चलते लोन नदी में खुलेआम केमिकलयुक्त व जहरीला पानी गंगा में गिराया जा रहा है। 

सूत्र बताते हैं कि उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में तैनात अधिकारी-कर्मचारी उद्यमियों द्वारा किये जा रहे इस अंधेर को विभागीय जांच में सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर क्लीन चिट दे देते हैं। जबकि, हकीकत में गंगा को मैली करने में यह उद्योग संचालक कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 

औद्योगिक क्षेत्र में संचालित चर्म इकाइयों व स्लाटर हाउसों द्वारा बिना किसी रोक-टोक के लोन नदी में खुले नालों के जरिये केमिकल युक्त जहरीला पानी लगातार बहाया जा रहा है। जो सीधे गंगा में मिल रहा है। 

जिम्मेदारों की निगाह में सबकुछ है ओके

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि महाकुंभ को लेकर अभी से सख्ती की जा रही है। नगर निकायों को नोटिसें भेजी जा चुकी हैं। समय-समय पर उद्योगों व सीईटीपी के साथ लोन नदी के पानी की भी जांच की जाती है। वहीं, जिले के ज्यादातर उद्योगों में उनके ईटीपी लगे हैं। जो खुद ही पानी को शुद्ध कर बाहर निकालते हैं।

बोले सिटी मजिस्ट्रेट… 

सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राज ने कहा कि अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ ने बताया है कि सभी उद्योगों में प्लांट लगे हैं और प्रदूषित पानी गंगा में नहीं बहाया जा रहा है तो सही ही बताया होगा। जब भी कोई मामला सामने आयेगा तो इसकी जवाबदेही भी उनकी ही होगी।

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