बाराबंकी: झील में नाव पलटने से विवाहिता की मौत, खुद नाव चलाकर लौट रही थी वापस, महिलाओं का हंगामा
सूरतगंज, बाराबंकी, अमृत विचार। शुक्रवार की दोपहर नाव का संतुलन बिगड़ने से विवाहिता भगहर झील में गिर गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उसे किसी तरह से बाहर निकाला और सीएचसी पहुंचाया, लेकिन वहां पर महिला को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद सीएचसी पहुंची महिलाओं ने झील पर पुल बनने के बाद शव का पीएम कराने की बात कहते हुए हंगामा शुरु कर दिया। प्रशासनिक अफसरों के आश्वासन के बाद महिलाएं मानीं और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। बताया जा रहा है कि महिला के साथ जब यह हादसा हुआ तब वह पति को खाना देकर खुद नाव चलाते हुए वापस घर जा रही थी।
रामनगर थाना क्षेत्र के चैनपुरवा गांव की लक्ष्मी निषाद दोपहर के वक्त अपने पति धर्मेंद्र निषाद के लिए खाना लेकर घर से निकली थी। खाना देकर वापस लौटते समय दूरी कम करने के लिए वह खुद नाव चलाकर भगहर झील पार करने लगी। पानी के बीच धार में पहुंचने पर नाव पलट गई, जलकुंभी व गहरे पानी में फंस जाने से लक्ष्मी डूबने लगी। यह हादसा देख कर चैनपुरवा और भगहर पार्क के मजदूर भी दौड़े। कड़ी मशक्कत के बाद में पानी में डूबी लक्ष्मी को बाहर निकाला और तत्काल उसे सीएचसी सूरतगंज ले गए।
सीएचसी पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर सुनकर दर्जनों महिलाएं अस्पताल में पहुंच गईं और वह भगहर झील में सबसे पहले एक पुल की मांग करने लगी, तब तक शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने से इंकार कर दिया। महिलाओं का आरोप था कि भगहर झील पर अगर पुल होता तो दो साल पहले पुत्तीलाल, तीन साल पहले चिन्ताराम और नौ साल पूर्व गणेश कुमार उर्फ कल्लू का परिवार घटना का शिकार नहीं होता।
लक्ष्मी की शादी को आठ साल हुए थे, पति धर्मेंद्र की जिम्मेदारी भी उसी के कंधे पर थी। उधर मौके पर पहुंचे रामनगर इंस्पेक्टर रत्नेश पाण्डेय, और मोहम्मदपुर खाला प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया पर महिलाएं सुनने को तैयार नहीं हुई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह, क्षेत्राधिकारी रामनगर सौरभ श्रीवास्तव ने दिसंबर माह के प्रथम पखवाड़े में ही सुलभ रास्ते के लिए पुल अथवा कोई दूसरे विकल्प के तहत काम शुरू होने का लिखित अश्वासन दिया, तब लक्ष्मी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
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