लखीमपुर खीरी : विधायक थप्पड़ कांड...विधायक समर्थकों ने डीएम दफ्तर घेरा, एसपी ने लिया ज्ञापन
पुलिस-प्रशासन पर जमकर भड़के लोग, एडीएम और शहर कोतवाल पर लगाए आरोप
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। सदर विधायक योगेश वर्मा की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को कायस्थ महासभा, वैश्य समाज सहित कई संस्थाओं के तमाम लोग जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया। गुस्साए लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस व प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। एसपी ने डीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन लिया और जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए।
शहर के विलोबी मैदान में शुक्रवार को पटेल सेवा संस्थान के नेतृत्व में आयोजित स्वाभिमान रक्षा सम्मेलन में भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल समेत काफी संख्या में लोग शामिल हुए। सम्मेलन के बाद लोगों का हुजूम जुलूस की शक्ल में डीएम कार्यालय पहुंची। घेराव कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी। सभी ज्ञापन लेने के लिए डीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे। किन्ही कारणों वश डीएम के न आने पर एसपी गणेश प्रसाद साहा मौके पर पहुंचे। उन्हें भी लोगों के आक्रोष का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों का कहना था कि घटना के तीन दिन बीत गए हैं। अभी तक आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। घटना एडीएम संजय सिंह और शहर कोतवाल अंबर सिंह के इशारे पर की गई है। एडीएम को हटाया जाए और शहर कोतवाल व विधायक की कालर पकड़कर खींचने वाले सिपाही को निलंबित किया जाए। एसपी ने किसी तरह से उन्हें समझाया और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए और वापस लौट गए।
यह है मामला
बुधवार को अर्बन कोआपरॉटिव के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान पर्चा छीनने को लेकर भाजपा नेत्री बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह के पति जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह के बीच विवाद हो गया था। नाराज अवधेश सिंह ने सदर विधायक को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में थप्पड़ जड़ दिया था। समर्थकों ने भी विधायक को पीटा था। इसके अलावा व्यापारी नेता राजू अग्रवाल के साथ भी मारपीट की गई थी। गुरुवार को इस मामले में विधायक और राजू अग्रवाल समेत तीन लोगों ने पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
पुलिस-प्रशासनिक अफसरों पर भी हो सकती है कार्रवाई
विधायक थप्पड़कांड में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। सदर विधायक ने बवाल से दो दिन पहले ही कई विधायकों और जिलाध्यक्ष के साथ एडीएम से मिलकर चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे और चुनावी प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों की बातों को अनसुना कर दिया गया था। विधायक की पिटाई के बाद से मामला तूल पकड़ गया है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि पुलिस और प्रशासन के कुछ अधिकारी भी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। जिन पर भी कार्रवाई संभव है।
ज्ञापन मिला है। यदि किसी स्तर पर लापरवाही हुई है तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। हर स्तर पर इसकी जांच की जा रही है। मैं विधायक के भी संपर्क मे हूं। इस पूरे घटनाक्रम में तीन प्रार्थना पत्र मिले हैं। जिनका परीक्षण कराया जा रहा है। वीडियो फुटेजों का भी परीक्षण हो रहा है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। -गणेश प्रसाद साहा, एसपी