Kanpur: दावे धड़ाम, फाल्ट बनाने में हो रही लापरवाही, स्काडा भी पूरी बिजली देने में नाकाम, शटडाउन से लोग परेशान

Kanpur: दावे धड़ाम, फाल्ट बनाने में हो रही लापरवाही, स्काडा भी पूरी बिजली देने में नाकाम, शटडाउन से लोग परेशान

कानपुर, अमृत विचार। बिजली आपूर्ति व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए 64 करोड़ रुपये से विकास नगर में लगाया गया स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा इक्वीजीशन) सिस्टम भी लोगों को बिजली संकट से राहत दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। स्काडा से जुड़े सबस्टेशन क्षेत्रों में भी घंटों बिजली गायब रहने से जनता गुस्से में है। केस्को कर्मियों की तरफ से फाल्ट बनाने में लापरवाही लोगों की परेशानी और बढ़ा रही है।  
   
विकास नगर में स्थापित स्काडा सिस्टम से फूलबाग, झाड़ीबाबा, मालरोड, सीएसए, सरसैयाघाट, भैरोघाट, आरबीआई, म्योर मिल, कंपनीबाग, आरपीएच ओल्ड, आरपीएच न्यू, बीएस पार्क, जीआईसी व खास बाजार सबस्टेशनों को जोड़ा गया है। स्काडा को लेकर दावा किया गया था कि इस सिस्टम से अबाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। फाल्ट होने पर दूसरे फीडर से आपूर्ति दे दी जाएगी और सिर्फ सीमित क्षेत्र में ही बिजली प्रभावित होगी। 

इसके बावजूद स्काडा से जुड़े क्षेत्रों में भी लोगों को लगभग रोज बिजली संकट से जूझना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के समय केस्को अधिकारी लोड ज्यादा होने की समस्या बता रहे थे। लेकिन अक्टूबर माह में जब मई-जून जैसा लोड नहीं है, तब भी शहर में स्काडा क्षेत्र के साथ अन्य स्थानों पर बिजली संकट बरकार है। फॉल्ट होने पर घंटों बिजली गुल रहने की शिकायत हर कहीं है। 

इसके अलावा मरम्मत कार्य, आरडीएसएस योजना व बिजनेस प्लान के काम करने के लिए लिया जाने वाला शट डाउन अलग समस्या बना है। केस्को अधिकारियों का कहना है कि अभी 14 सब स्टेशन स्काडा सिस्टम से जुड़े हैं। इनमें फॉल्ट से लेकर सप्लाई की मॉनीटरिंग की जा रही है, जहां कमियां मिलती है, उनका निस्ताकरण किया जाता है। 
 
आधुनिकीकरण के लिए 764 करोड़ रुपये का बजट मंजूर 

केस्को को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए आधुनिकीकरण योजना में 764 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला ने बताया कि इस योजना में जल्दी ही काम शुरू होने की उम्मीद है। इसमें सब स्टेशनों को अपग्रेड करके हाईटेक क्षमता के उपकरण लगाए जाएंगे, इनमें वीसीबी, आरएमयू, एमसीसीबी, जंपर, सीटी, जंक्शन बॉक्स, सीटी बॉक्स आदि शामिल हैं। पेट्रोलिंग और शिकायतों के तत्काल निवारण के लिए नए वाहन मंगवाए जाएंगे। 

शहर में विद्युत वितरण को लेकर मरम्मत का काम लगभग पूरा होने वाला है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल बेहतर सप्लाई दी जा रही है। जहां समस्याएं आ रही है, दूर कराया जा रहा है। रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) की सेटिंग सही कराई जाएगी। आरडीएसएस स्कीम में कार्यों की गति बढ़ाने के निर्देश कंपनी को दिए हैं। - सैमुअल पॉल एन, केस्को एमडी

बिलिंग स्मार्ट पर अंधेरगर्दी आम   

वर्तमान में शहर की बिजली व्यवस्था काफी लचर है। बिजली जाने पर जब तक कॉल नहीं की जाए केस्को कर्मचारी फॉल्ट बनाने नहीं आते हैं। - पंकज जायसवाल, विष्णुपुरी। 

दिन भर में रोज कम से कम 7 से 8 बार बिजली गुल होती है। कर्मचारियों को फॉल्ट ढूंढ़ने में दिक्कत होती है तो क्षेत्रीय लोगों को पहल करनी पड़ती है, तब बत्ती आती है।- सनी साहू, नवाबगंज 

प्रतिमाह सबस्टेशन में बिजली का बिल पूरा जमा किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी केस्को अधिकारियों द्वारा 24 घंटे बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है।- सत्यम मिश्रा, पुराना कानपुर। 

क्षेत्र में ही स्काडा सिस्टम का कार्यालय बना है, जब यह स्थापित हो रहा था तो लगा था कि अब बिजली कभी नहीं जाएगी, लेकिन इसके चालू होने पर भी पुरानी समस्या बनी है। -शिवम दीक्षित, विकास नगर

इन दिनों क्षेत्र की बिजली पांच से छह घंटे तक गुल की जा रही है। केस्को के टोल फ्री नंबरों व सबस्टेशन में संपर्क करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होता। - सागर शुक्ला, गीता नगर 

केस्को की बिजली व्यवस्था का आलम ये है कि पॉश इलाके में भी विद्युत आपूर्ति की सप्लाई 24 घंटे नहीं की जा रही है। कई बार तो सुबह गई बिजली शाम तक नहीं आती है।- ऋषि कटियार, तिलक नगर

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