प्रयागराज : सरकारी आवास न छोड़ने पर दंडात्मक किराए की वसूली पर रोक

प्रयागराज : सरकारी आवास न छोड़ने पर दंडात्मक किराए की वसूली पर रोक

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थानांतरण के बाद भी सरकारी आवास खाली न करने पर दंडात्मक किराया वसूली के मामले में कारागार प्रशासन विभाग में प्रशिक्षक पद पर कार्यरत याची को राहत देते हुए  जेल प्रशासन से मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है और याची द्वारा 2 महीने के अंदर एक लाख रुपए जमा करने पर वसूली कार्यवाही के 3 जुलाई 2024 के आक्षेपित आदेश पर रोक लगा दी जाएगी और राशि जमा न करने की स्थिति में यह अंतरिम आदेश स्वत: ही निरस्त हो जाएगा।

उक्त आदेश की प्रति रजिस्ट्रार (अनुपालन) द्वारा 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बरेली के माध्यम से वरिष्ठ अधीक्षक, केंद्रीय कारागार, बरेली को भेजने का निर्देश दिया गया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकल पीठ ने घनश्याम दास की याचिका पर विचार करते हुए पारित किया। मामले की सुनवाई आगामी 22 अक्टूबर 2024 को सुनिश्चित की गई है। मामले के अनुसार याची कारागार प्रशासन विभाग, बरेली में प्रशिक्षक पद पर कार्यरत थे और उन्हें 30 जून 2023 को केंद्रीय कारागार, नैनी, प्रयागराज में स्थानांतरित किया गया, लेकिन उन्होंने 13 जुलाई 2024 तक अपने आधिकारिक क्वार्टर को नहीं छोड़ा।

वह कुल 11 महीने की अवधि तक वहीं रहे, जिसके कारण 3 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा याची पर 2,01,040 रुपए का दंडात्मक किराया लगाया गया। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दंडात्मक किराए की गणना दंडात्मक किराए की दर को नियंत्रित करने वाले शासनादेशों के विपरीत थी। अधिवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि लागू शासनादेशों के अनुसार याची से 40 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से दंडात्मक किराया लिया जा सकता था, लेकिन उससे 120 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से किराया लिया गया है

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