Raebareli: रायबरेली रेल कोच कारखाने पर लगा भ्रष्टाचार का धब्बा, CBI ने तीन कर्मचारियों को लिया हिरासत में

Raebareli: रायबरेली रेल कोच कारखाने पर लगा भ्रष्टाचार का धब्बा, CBI ने तीन कर्मचारियों को लिया हिरासत में

लालगंज/रायबरेली, अमृत विचार। रेल कोच कारखाने के स्टोर अधीक्षक और कर्मचारियों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। रेल कोच को माल सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने सीबीआई की मुंबई ब्रांच में शिकायत किया था। शिकायत के मद्देनजर पहले तो सीबीआई के अधिकारियों ने गुप्त तरीके से जांच पड़ताल की थी। उसके बाद जब उन्हें पुख्ता सबूत मिले तो सीबीआई के अधिकारियों ने लालगंज रेल कोच कारखाने पहुंचकर दो सरकारी कर्मचारी और एक प्राइवेट कर्मचारी को धर दबोचा।

सीबीआई के अधिकारियों ने रेल कोच के आवासीय कॉलोनी में रहने वाले रंजीत यादव ,अरविंद कुमार और पूरे जबर सिंह मजरे धना भाद निवासी रिंकू रैदास पुत्र धुन्नी को पकड़ा है। भ्रष्टाचार में पकड़ा गया रेल कोच ओबीसी संगठन का अध्यक्ष रंजीत यादव रेल कोच के फर्निशिंग डिपो स्टोर विभाग में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं तो वहीं अरविंद कुमार मुख्य डिपो सामग्री अधीक्षक के पद पर स्टोर में तैनात हैं।

रिंकू रैदास चामुंडा फोर्जिंग लिमिटेड में कार्यरत है और वह कंपनियों और अधिकारियों के बीच लाईजिनिंग के साथ-साथ लेनदेन में भागीदार था। आरोप है कि माल सप्लाई करने वालों से अपने खाते में पैसा मंगाता था और अधिकारियों को देता था। सीबीआई के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के तीनों आरोपियों का लालगंज सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराया और अपनी हिरासत में ले लिया है।

बताते चलें कि शनिवार को रेल कोच कारखाने मे भ्रष्टाचार की जांच को लेकर मुंबई से आई सीबीआई के छापे का एक्स पर ट्वीट वायरल हो रहा था। भ्रष्टाचार की खबर को लेकर रेल कोच में हड़कंप मच गया था। हालांकि शनिवार होने के नाते दोपहर बाद फैक्ट्री में कर्मचारी नाम मात्र के रहते हैं और सीबीआई ने भी छापेमारी के समय किसी को अंदर नहीं जाने दिया था।

सीबीआई ने आरोपी कर्मचारियों के आवास पर भी छापा मारा था। लेकिन बरामदगी  के विषय में अभी तक कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। नाम न छापने के शर्त पर रेल कोच के कर्मचारियों ने बताया कि रेल कोच कारखाने में भ्रष्टाचार चरम पर है। कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होता है। लो टेंडर पर ठेकेदार काम लेते हैं और शैल बनाने से लेकर डिब्बा पास करने तक रुपए देना पड़ता है। यहां तक की प्राइवेट कंपनियां भी कर्मचारियों का शोषण करने में लगी हुई है।

खाते में पैसा भेज कर वापस कराना रेल कोच कारखाने में आम बात हो गई है और यह सब जानकारी रेल कोच प्रबंधन को है। लोगों का कहना है कि सीबीआई ने छोटी मछली को पकड़ा है, अगर एडमिन बिल्डिंग के अधिकारियों के यहां छापा मारा जाए तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला पकड़ में आएगा।

कुछ अधिकारी तो रेल कोच के स्थापना के समय से ही यही जमा है और उन्होंने रेल कोच से भारी भरकम रकम जुटाई है। लालगंज सरकारी अस्पताल के डॉ. सत्यजीत ने बताया कि सीबीआई के अधिकारी भ्रष्टाचार के मुकदमे में आरोपी तीन लोगों को मेडिकल के लिए  लाई थी। मेडिकल के बाद उन्हें वापस ले गई है।

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