Kanpur: नगर निगम सदन में गूंजेगा गृहकर व नामांतरण मुद्दा, पार्षद इन विषयों पर चर्चा के लिए अलग से मांग सकते समय...
महापौर ने 7 अक्टूबर को बुलाई नगर निगम सदन की बैठक
कानपुर, अमृत विचार। महापौर ने नगर निगम सदन की बैठक 7 अक्टूबर को बुलाई है। इसमें पिछले दिनों हुई कार्यकारिणी की बैठक में रखे गये 15 प्रस्तावों (कार्य सूची) पर अंतिम मुहर लगने के साथ नये प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सकती है। सदन में पार्षद वार्डों में टूटी सड़कों, सीवर भराव और गंदगी की समस्या पर चर्चा के लिए महापौर से अलग से समय मांग सकते हैं। बैठक में बढ़े गृहकर बिल और नामांतरण शुल्क में अवैध वसूली का मुद्दा भी गर्मा सकता है। ऐसा होने पर हंगामा होने के पूरे आसार हैं।
नगर निगम सदन की नई कार्यकारिणी की पहली बैठक 6 सितंबर को हुई थी। इसमें जिन 10 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास किया गया था, उन्हें सदन की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इनमें 1 लाख रुपये तक के कार्यों के ई-टेंडर का प्रस्ताव भी है। पहले ई-टेंडर की सीमा 10 लाख रुपये थी।
चुन्नीगंज में वर्कशाप की भूमि पर निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर की जांच समिति से कराने और कन्वेंशन सेंटर का संचालन समिति को ट्रांसफर करने से संबंधित प्रस्ताव को चर्चा के बाद हरी झंडी दिखाई जा सकती है। सदन में वार्ड 21 खाड़ेपुर में पेयजल संकट दूर करने के लिए ट्यूबबेल लगाने, वार्ड 104 में बुद्धा देवी और शीतला देवी मंदिर के बाहर गेट लगाने जैसे 15 प्रस्ताव मंजूरी के लिए पटल पर रखे जाएंगे।
रिंग रोड पर फंस सकता पेच
कार्यकारिणी की बैठक में रिंग रोड के लिए जमीन देने पर सहमति नहीं बनी थी। कहा गया था कि रिंग रोड के लिए डीएम सर्किल रेट पर नगर निगम की जमीन दी जाएगी। सदन में इस मामले पर सहमति बनाने के लिए चर्चा होगी।
सीसामऊ में सड़कें सुधारने के काम को मिलेगी मंजूरी
कार्यकारिणी में मुख्य अभियंता सिविल ने टेबल प्रस्ताव के जरिए सीसामऊ में 3.91 करोड़ के विकास कार्यों की कार्य सूची रखी थी। दीन दयाल योजना के तहत यहां 10 सड़कें सुधारी जानी हैं। सदन की स्वीकृति मिलने पर काम शुरू होंगे।
पूर्व पार्षद फोरम हुआ सक्रिय
पूर्व पार्षद फोरम ने सदन की बैठक में नामांतरण शुल्क और गृहकर की अनियमितताओं पर अलग से चर्चा के लिए समय देने की मांग की है। ललित मोहन श्रीवास्तव, संजीव मिश्रा ने कहा कि इसके लिये फोरम महापौर से मिलेगा। पार्षदों से भी आग्रह किया जाएगा कि दोनों मुद्दे सदन में प्रमुखता से उठाएं।