सुलतानपुर: अब गुरुजी बनवाएंगे विद्यार्थियों का जन्म प्रमाण पत्र, शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने जारी किया आदेश

शिक्षक नेताओं ने इस आदेश को बताया अव्यवहारिक, करेंगे विरोध

सुलतानपुर: अब गुरुजी बनवाएंगे विद्यार्थियों का जन्म प्रमाण पत्र, शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने जारी किया आदेश

सुलतानपुर, अमृत विचार। अब यदि अभिभावक जन्म प्रमाण पत्र के साथ बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगे तो संबंधित विद्यालय के हेडमास्टर को ही यह काम करना होगा। क्योंकि, अब सभी बच्चों की बनने वाली एक यूनिक आईडी में जन्म प्रमाण पत्र व आधार कार्ड की संख्या आपलोड करनी है। प्रधानाध्याकों पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की जिम्मेदारी वाला शासनादेश आते ही शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

अब समस्त प्रकार के बोर्ड से संचालित एक से 12 तक के विद्यार्थियों का अपार (आटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) यूनिक आईडी होगी। इस आईडी में जन्म प्रमाण पत्र और आधार नंबर जरूरी है। इसके अलावा अन्य पोर्टल पर भी आधार नंबर जरूरी है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के आधार से लिंक खाते में ही उनके लिए ड्रेस, बैग, जूते-मोजे का पैसा भेजा जाता है। आधार बनवाने की जिम्मेदारी भी प्रधानाध्यापक व शिक्षक उठा चुके हैं। इसमें उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी, लेकिन अब भी काफी बच्चों व अभिभावकों के आधार कार्ड नहीं बन सके। जिले में करीब 20 फीसदी बच्चों के खाते में धनराशि नहीं भेजी जा सकी है। इसके पीछे कई विद्यालयों में नाम होना, आधार और बैंक खाते का लिंक न होना समेत अन्य कारण बताए जाते हैं।

इसी बीच शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने समस्त बीएसए को एक आदेश जारी कर कहा है कि प्रदेश के समस्त शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों का जन्म पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है। इसके लिए जन्म पंजीकरण सुनिश्चित करवाने की कार्यवाही प्रधानाचार्य/प्रभारी के द्वारा सत्र के आरंभ में ही आवश्यक रूप से की जाए। प्रत्येक विद्यार्थी का जन्म प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड संख्या संबंधित पोर्टल/पंजिका पर अंकित कराना सुनिश्चित करें। विदित होगा कि जिले में 2064 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं।

प्रदेश नेतृत्व को कराया गया अवगत
प्राथमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी रणवीर सिंह ने बताया कि आधार कार्ड बनवाने में शिक्षकों ने बहुत परेशानी झेली है। जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में शपथपत्र और तमाम तरह के शुल्क लगते है, इसका वहन कौन करेगा। इसके अलावा कार्यालयों का चक्कर कौन काटेगा। अगर आदेश वापस नहीं हुआ तो शिक्षक आंदोलन करेंगे। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराया गया है।

शिक्षा निदेशक का पत्र मिला है। खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजकर आदेश का पालन कराया जा रहा है। यह शासन स्तर का मामला है। शिक्षक संगठन के विरोध का स्थानीय स्तर पर कोई मतलब नहीं है- उपेंद्र गुप्ता, बीएसए सुलतानपुर

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