नैनीताल: अब्दुल मोईद के जमानत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करे सरकार - हाईकोर्ट
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी बनभूलपुरा दंगे के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद व ड्राइवर मोहम्मद जहीर की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस पर आपत्ति पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को अन्य जमानत याचिकाओं के साथ होगी।
सोमवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इनके खिलाफ तीन-तीन मुकदमे दर्ज हैं। इस पर मोईद के अधिवक्ता ने कहा कि मोईद को 420 के एक मामले में जमानत मिल चुकी है, जबकि अन्य दो मुकदमों में अभी जमानत नहीं मिली है।
पुलिस ने बिना मामले की जांच किए उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर दिया है। कई माह बीतने के बाद भी पुलिस उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है, जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना जरूरी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की है। लिहाजा उनको जमानत पर रिहा किया जाए। इस मामले में शामिल कई लोगों को पूर्व में ही जमानत मिल चुकी है।