बरेली: चुनाव में सिर्फ मुद्दा बनकर रह गया बाकरगंज में कूड़े का पहाड़

कई वर्षों से समस्या से जूझ रहे लोग, दुर्गंध और गंदगी ने किया जीना मुहाल

बरेली: चुनाव में सिर्फ मुद्दा बनकर रह गया बाकरगंज में कूड़े का पहाड़

बरेली,अमृत विचार। शहर के बाकरगंज में कूड़े के पहाड़ से लोगों की जिंदगी नर्क बन गई है। भीषण दुर्गंध और गंदगी के कारण लोग परेशान हैं, मगर उन्हें इससे निजात नहीं मिल रही है। चुनाव के दौरान नेता आते हैं, वादा करते हैं कि कूड़े का पहाड़ खत्म हो जाएगा, मगर स्थिति जस की तस है।

यहां करीब 40 हजार की आबादी है, जो वर्षों से इस समस्या से जूझ रही है। गंदगी की वजह से संक्रमण रोग भी फैल रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के विकास पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, मगर इस समस्या का निदान अभी तक नहीं हो सका है। मोहल्ले के मोहम्मद मियां ने बताया कि यहां घनी आबादी में कूड़े का पहाड़। इसके आसपास रहने वाले लोगों की समस्या जटिल हो गई है। यहां की तमन्ना ने बताया कि इस समस्या से लोग कई साल से परेशान हैं। शाहीन रजा के अनुसार कूड़े का पहाड़ खत्म करने का आश्वासन कई वर्षों से मिल रहा है, मगर अभी तक समस्या दूर नहीं हुई है। कई बार शिकायत नगर निगम के अफसरों से की जा चुकी है।जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खां वारसी ने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगने के बाद भी समस्या बनी हुई है। प्लांट से जितना कूड़ा खत्म होता है, उससे दोगुना बढ़ जाता है, जब तक कूड़ा पड़ना बंद नहीं होगा, तब तक समस्या बनी रहेगी। कहा कि शहर के बाहर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू हो जाता तो समस्या का निदान हो जाता।समाजसेवी नदीम शम्सी ने बताया कि कूड़े की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। क्षय, त्वचा, डायरिया, मलेरिया आदि रोगों की चपेट में आ रहे हैं। कहा कि कूड़े का पहाड़ हटाकर पार्क बनाया जाए।

प्लांट लगा फिर भी समस्या बरकरार
बाकरगंज में तीन दशक से कूड़ा पड़ता चला आ रहा है। इसके निस्तारण के लिए नगर निगम ने एक प्लांट लगा रखा है। स्थानीय लोगों के अनुसार प्लांट की क्षमता कम होने के कारण समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है।