अयोध्या: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कर्मियों ने की छात्र-छात्राओं से बदसलूकी, हंगामा

एटीकेटी व्यवस्था को लेकर धरना देने पहुंचे थे छात्र, हास्टलों में भी अव्यवस्था का आरोप

अयोध्या: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कर्मियों ने की छात्र-छात्राओं से बदसलूकी, हंगामा
अयोध्या : डाॅ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्रों को धकियाते कर्मी

अयोध्या, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शनिवार को धरना देने पहुंचे छात्र-छात्राओं से कर्मियों द्वारा बदसलूकी के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने कर्मियों पर छात्राओं से अभद्रता का आरोप लगाया है। हंगामा उस वक्त हुआ जब छात्र - छात्राएं एटीकेटी (एलाउंड टू कीप टर्म्स) व्यवस्था लागू करने को लेकर धरना दे रहे थे। हंगामें की सूचना पाकर परीक्षा नियंत्रक उमानाथ और मुख्य नियंता प्रो संत शरण मिश्र ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को किसी तरह संभाला। वहीं एटीकेटी की अनुमति न मिलने पर विद्यार्थी परिषद ने एक अक्टूबर से विश्वविद्यालय में बड़े आन्दोलन की चेतावनी दी है।            

बताया जाता है कि छात्र-छात्राओं द्वारा लगातार एक महीने से एटीकेटी के तहत व्यवस्था की मांग की जा रही है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इसी को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों के साथ आन्दोलित छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में पहुंचे। बताया जाता है कि इसी दौरान कतिपय कर्मियों और तैनात सुरक्षा गार्डों द्वारा उनके साथ धक्का मुक्की की गई। 

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अयोध्या :आक्रोशित छात्र - छात्राओं को समझाते मुख्य नियंता प्रो संत शरण मिश्र

आरोप है कि इसी बीच कुछ कर्मियों ने छात्राओं का हाथ पकड़ उन्हें घसीट कर बाहर करने का प्रयास किया। जिसे लेकर छात्र भड़क गए और कर्मियों से भिड़ गए। आधे घंटे तक छात्रों और विश्विद्यालय कर्मियों में भिड़त होती रही। इसी दौरान कुलपति कौटिल्य भवन में बैठक ले रहीं थी। सूचना पाकर परीक्षा नियंत्रक उमानाथ और मुख्य नियंता प्रो संत शरण मिश्र मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं को समझाने कि प्रयास किया लेकिन छात्र आरोपित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। 

काफी देर तक चली जद्दोजहद के बाद अधिकारियों ने विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों और छात्रों को बुला कर बातचीत की और ज्ञापन लिया तब जाकर मामला शांत हुआ। पीड़ित छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा बैक पेपर व्यवस्था समाप्त करने के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एटीकेटी व्यवस्था लागू की गई है लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है जो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से मनमानी कर रहा है। छात्रों का कहना है कि यदि राहत नहीं दी गई तो आगामी एक अक्टूबर से प्रदर्शन किया जाएगा।

हास्टल की बदहाली का भी मामला उजागर
प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया कि छात्रावास में रह रहीं छात्राओं को तमाम बदहाली झेलनी पड़ रही है। हास्टल में शौचालयों और मेस की बुरी दशा है। खाना भी ढंग का नहीं मिलता है। यह भी आरोप है कि शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हास्टल में तमाम खामियां हो लेकिन उन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है।
 
जानिए क्या है एटीकेटी व्यवस्था 
भारतीय शिक्षा प्रणाली में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत, अगर कोई छात्र प्री-ग्रेजुएशन या ग्रेजुएशन में 1 से 4 विषयों में फ़ेल हो जाता है, तो उसे अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाता है. इसे एटीकेटी एलाउंड टू कीप टर्म्स कहते हैं।अगली कक्षा में प्रवेश लेने के लिए, छात्रों को उन विषयों में पास होना ज़रूरी है जिनमें वे फ़ेल हुए थे। आम तौर पर, छात्रों को पांच बार तक एटीकेटी का मौका दिया जाता है। अगर पांच बार एटीकेटी के बाद भी छात्र परीक्षा पास नहीं कर पाता, तो उसे फिर उसी कक्षा में दोबारा पढ़ना पड़ता है।

छात्रों के साथ वार्ता किया गया है। उनकी  शिकायतों पर विचार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर संबद्ध महाविद्यालयों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का निर्धारण करेगी। छात्रावास में दूषित भोजन और व्यवस्थाओं के बारे में छात्रों द्वारा अवगत कराया गया है। संज्ञान में लेते हुए इसको देखा जाएगा-संत शरण मिश्र, मुख्य नियंता, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय

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